हैदराबाद से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां एक ट्रैफिक होम गार्ड ने सैलरी न मिलने के कारण अपने सीनियर के ऑफिस के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया। घटना के बाद इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया जहां शुक्रवार को उसने दम तोड़ दिया। मृतक का नाम एम रविंदर है। वह 36 साल का था। वह चंद्रयानगुट्टा ट्रैफिक पुलिस स्टेशन से जुड़े 2006-बैच का होम गार्ड था। वह कथित तौर पर वेतन नहीं मिलने के कारण परेशान था। पीड़ित छत्रिनाका के उप्पुगुडा का रहने वाला था।

हमारे सहयोगी इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, वेतन में देरी के बारे में पूछताछ करने रविंदर मंगलवार की शाम को गोशामहल पुलिस स्टेडियम के पास कमांडेंट होम गार्ड के ऑफिस पहुंचा था। घटना के एक दिन बाद रविंदर की पत्नी संध्या ने मीडिया को अपने पति की वेतन संबंधी परेशानियों के बारे में बताया। उसने कमांडेंट कार्यालय में काम करने वाले एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) और एक कांस्टेबल पर पति के साथ बुरा व्यवहार करने का आरोप लगाया।

पत्नी ने कहा कि जब रविंदर सैलरी के बारे में पूछने ऑफिस गए थे तो आरोपियों ने उनके साथ गलत व्यवहार किया। पत्नी ने आगे कहा कि उसका पति सुसाइड नहीं कर सकता है। पत्नी ने कार्यालय के बाहर हुए हंगामे का सीसीटी वीडियो भी मांगा। जिसके बाद उसके पति ने खुद को आग लगाई।

पत्नी ने अधिकारियों पर लगाया आरोप

घटना के बाद पीड़ित सरकारी उस्मानिया जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में बेहतर इलाज के लिए उसे डीआरडीओ के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया फिर उसकी जान नहीं बच सकी। रविंदर की पत्नी संध्या ने बताया कि होम गार्ड्स के पास नौकरी की सुरक्षा, सम्मानजनक वेतन या कोई स्वास्थ्य बीमा नहीं है। उसने एएसआई और कांस्टेबल के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की है। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस स्टेशन ने संध्या के बयान के आधार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया।

हालांकि मामले की जांच करने वाले एक अधिकारी के अनुसार देरी से सैलरी मिलने के कारण रविंदर ने आत्महत्या करने का फैसला नहीं किया। अधिकारी ने कहा कि जब उसे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो वह पास के पेट्रोल पंप पर गया। पेट्रोल की एक बोतल ली और खुद पर छिड़क कर आग लगा ली। वहां मौजूद लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की और अस्पताल में भर्ती कराया।

अधिकारी ने यह भी कहा कि अगस्त के अलावा किसी भी महीने की सैलरी बाकी नहीं है। अगस्त की सैलरी भी मिलने वाली थी। उन्होंने मंगलवार को खुद को मारने का प्रयास किया और महीने का वेतन बुधवार को सभी को दिया गया।

तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी गुरुवार को रविंदर के घर गए और कहा कि नौ साल तक शासन में रहने के बाद भी तेलंगाना सरकार होम गार्ड्स को सम्मान देने और उनके कामकाजी माहौल में सुधार करने में विफल रही है। उन्होंने कहा कि रविंदर का मामला मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार द्वारा की गई हत्या है।