गुजरात में अगले कुछ महीनों में चुनाव है और इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने मंगलवार, 4 अक्टूबर को कहा कि उन्हें पूर्व गृह मंत्री और सहकारिता नेता विपुल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में गवाह के रूप में पेश होने के लिए मेहसाणा की एक अदालत ने समन जारी किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढवाडिया ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि उन्हें अदालत ने 6 अक्टूबर को भ्रष्टाचार के मामले में गवाह के रूप में पेश होने के लिए बुलाया है। दोनों नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी अपने फायदे के लिए कानून का दुरुपयोग कर रही है। गुजरात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने पिछले महीने ही पूर्व गृह मंत्री और सहकारिता नेता विपुल चौधरी को लगभग 800 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में गिरफ्तार किया था। यह कथित वित्तीय अनियमितताएं तब हुई थी, जब वह दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष थे।

विपुल चौधरी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) के पूर्व अध्यक्ष हैं और एक समय उन्होंने मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड में भी अपनी सेवाएं दी हैं, जिसे दूधसागर डेयरी के नाम से जाना जाता है। हालांकि, मेहसाणा एसीबी ने विपुल चौधरी और अन्य पर लगभग 800 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में मामला दर्ज किया था, जब वह 2005 और 2016 के बीच दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष थे। इसी मामले में दूधसागर डेयरी के तत्कालीन अध्यक्ष रहते हुए चौधरी पर मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त होने का आरोप है।

अर्जुन मोढवाडिया ने भाजपा पर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल सहकारी नेताओं पर आत्मसमर्पण करने या फिर मना करने पर परिणाम भुगतने का दबाव बना रहा है। मोढवाडिया ने कहा “सदस्यों को अपने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या दुग्ध सहकारी समितियों के निदेशक को नियुक्त करने का अधिकार है लेकिन चौधरी, भाजपा के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार नहीं थे, जिसके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला ने कहा उन्होंने कहा कि सहकारिता सदस्यों की होती है न कि भाजपा की और इस मामले में नेताओं को दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, अन्यथा उन्हें राजनीतिक तौर पर जवाब दिया जाएगा।