पुणे शहर में खानाबदोश जनजाति के एक जोड़े ने कथित तौर पर अपनी बेटी को दो हजार रुपयों के लिए रिश्तेदार को बेच दिया। जिसके बाद गोद लेने का दावा करने वाले जोड़े ने बच्ची से भीख मंगवाना शुरू कर दिया। पुलिस को इस मामले की जानकारी वकील शुभम लोखंडे की शिकायत के बाद लगी। फिलहाल आरोपी माता-पिता को बच्ची को बेचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक, जब लड़की को कथित तौर पर 2,000 रुपये में बेचा गया था तब उसकी उम्र दो साल से कम थी और अब वह चार साल की हो गई है।
पुलिस ने वकील शुभम लोखंडे की शिकायत के आधार पर बुधवार को येरवडा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की। गोद लेकर भीख मंगवाने वाले जोड़े, लड़की के माता-पिता और उनके समुदाय के “पंच” सहित 11 अन्य लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 363 ए, 370 (मानव तस्करी), 34 और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले में वकील लोखंडे ने कहा कि उन्हें अपने दोस्त सुदाम निंबालकर से बच्चे के बारे में जानकारी मिली। “शुरुआत में मुझे इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो रहा था कि एक छोटी बच्ची को उसके माता-पिता ने सिर्फ 2,000 रुपये के लिए बेच दिया। पूछताछ करने के बाद मुझे पता चला कि लड़की अपने माता-पिता की छठी बेटी है। वे उसकी देखभाल नहीं कर पा रहे थे। इसलिए उन्होंने उसे सिर्फ 2,000 रुपये में एक शादीशुदा जोड़े को दे दिया।
वकील ने आगे कहा कि अपने समुदाय के “पंच” की “सहमति” के बाद आरोपी जोड़े ने “नोटरी” पर समझौता करके लड़की की कस्टडी ले ली। उन्होंने कहा था कि वे बच्ची को गोद ले रहे हैं।
लड़की को भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया
लोखंडे के अनुसार, कोई इस तरह से बच्चे को गोद नहीं ले सकता। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है। यह भी पता चला कि लड़की को भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया था। इसलिए हमने संयुक्त पुलिस आयुक्त संदीप कार्णिक को मामले की जानकारी दी। जल्द ही पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और लड़की को बचाया।
मामले में वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालकृष्ण कदम ने कहा कि गिरफ्तार जोड़े और लड़की के माता-पिता एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं। बच्ची को उसके माता-पिता के पास से ले जाते समय उन्होंने 500 रुपये के स्टांप पेपर पर नोटरी दस्तावेज तैयार कराया था। नोटरी में किसी रकम का जिक्र नहीं है। इस बात की जांच की जा रही है कि क्या लड़की को भीख मांगने के लिए मजबूर किया गया था। फिलहाल आगे की कार्रवाई की जा रही है।