गाजियाबाद से 27 वर्षीय लॉ छात्र पिछले एक सप्ताह से लापता था, पुलिस ने जब इसकी जांच पड़ताल की तो छात्र की लाश पुराने मकान मालिक के घर के तहखाने में दफन थी। पीड़ित पंकज कुमार सिंह पिछले महिने साहिबाबाद के गिरधर एन्क्लेव में मुन्ना यादव के घर में पहली मंजिल पर रूम किराए पर लिया था। इस महीने के शुरुआत में वह कहीं बाहर गया हुआ था। जब वहां से वापस आया तो लापता हो गया।

जांच के अगले ही दिन मकान मालिक ने छोड़ा घर: गाजियाबाद एसपी सिटी मनीष मिश्रा ने बताया कि पंकज के 8 अक्टूबर से गायब होने के बाद उसके परिजनों ने साहिबाबाद पुलिस स्टेशन में शनिवार (12 अक्टूबर) को गुमशुदगी कि रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। हमने उस इलाके से जांच शुरू की जहां उसे आखिरी बार देखा गया था। हमने पाया कि शिकायत दर्ज होने के अगले दिन उसके पिछले मकान मालिक और उसका पूरा परिवार ने घर छोड़ दिया, जिससे हमें उन पर शक हुआ। हमने पंकज के पुराने मकान मलिक के घर की जांच पड़ताल किया तो पता चला कि तहखाने में ताजा प्लास्टर हुआ है। पुलिस जब प्लास्टर को तोड़कर खुदाई की तो उसके अंदर से पंकज की लाश मिली। हालांकि अभी उसे मारे जाने की वजह का पता नहीं चल सका है।

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तहखाने से बरामद हुई लाश: पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान हमने पाया कि किसी भी कमरे में मरम्मत नहीं हुई थी, लेकिन उसके तहखाने में एक पैच के रूप में प्लास्टर का एक ताजा कोट था। जब कोट पर एक छड़ी से दबाव डाला गया तो प्लास्टर दब गया। इसके बाद वहां पुलिस के अन्य टीमों को बुलाया गया और वहां खुदाई की गयी। लगभग छह फीट खुदाई करने के बाद, पंकज का शव अर्ध-विघटित अवस्था में पाया गया।

15 दिन बाद ही शिफ्ट हो गया:  गौरतलब है कि आईएमई (IME) गाजियाबाद से पंकज सिंह चौथे वर्ष के लॉ का पढ़ाई कर रहा था, उसने एक महीने पहले यादव के चार मंजिला घर की पहली मंजिल पर रूम किराये पर लेकर शिफ्ट हुआ था। यादव अपनी पत्नी सुलेखा और चार बच्चों के साथ दूसरी मंजिल पर रहता था। पुलिस के अनुसार, पंकज 15 दिनों के लिए रुका, लेकिन उसके बाद गिरधर एन्क्लेव में शिफ्ट हो गया।

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पढ़ाई के साथ-साथ पंकज साइबर कैफे भी चलाता था: पंकज सिंह मूल रूप से यूपी के बलिया जिला का रहने वाला था। वह यहां पढ़ाई के साथ कॉलोनी में एक साइबर कैफे भी चलाता था। उसने साइबर कैफे को इसी साल फरवरी में खोला था और जल्द ही उसी कॉलोनी में एक दूसरे बड़े स्थान पर शिफ्ट कर दिया, जहां वह दुकान के किराए के रूप में लगभग 7,000 रुपये का भुगतान करता था।

मुन्ना अपने परिवार के साथ रहने के लिए दबाव डाल रहा था:  पंकज के भाई मनीष ने बताया कि वह मुन्ना के बच्चों को पढ़ाता था, लेकिन कुछ समय बाद मुन्ना ने जोर देकर कहा कि वह दूसरी मंजिल पर उनके साथ रहे, जिस पर उसने आपत्ति जताई थी। इसी बात को लेकर बहस हुई थी जिसके बाद वह दूसरी जगह शिफ्ट हो गया। दशहरे के दो दिन बाद, पंकज को न तो कॉलोनी में देखा गया और न ही साइबर कैफे में। शनिवार (12 अक्टूबर) को पंकज के माता-पिता द्वारा गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराने के बाद, मुन्ना ने कथित तौर पर अन्य किराएदारों में से एक से संपर्क किया और उसके बारे में पूछताछ की।

परिवार के साथ मकान बिहार भाग गया: शनिवार की रात मुन्ना और उसकी पत्नी दोनों मेरे पास आए और पंकज के बारे में पूछा तो मैने उन्हें बताया की वह पिछले कुछ दिनों से गायब है, और उसने किसी को कुछ भी बताया नहीं। इसलिए सभी चिंतित है। इसके अगले दिन ही सुबह मुन्ना पूरे परिवार के साथ घर छोड़कर बिहार चला गया।

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मकान मालिक की तलाश की जा रही है:  एसपी मिश्रा ने बताया कि हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। बंदूक की गोली या चाकू का कोइ निशान नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि हत्या के पीछे कोई व्यक्तिगत कारण रहा होगा। हम मकान मालिक की तलाश कर रहे हैं।