प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण को अवैध जासूसी मामले में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद चित्रा को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। जिसके बाद दिल्ली की अदालत ने चित्रा रामकृष्ण को चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।
ईडी ने रामकृष्ण, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे और रवि नारायण के खिलाफ मनी लांड्रिंग (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। सूत्रों के मुताबिक एनएसई को-लोकेशन मामले में एक वरिष्ठ बिजनेस पत्रकार भी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी की जांच के घेरे में आ गया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि एक बिजनेस पत्रकार की भूमिका तब सामने आई, जब सीबीआई संजय पांडे से जुड़ी एक फर्म को दिए गए ठेके और कुछ लोगों की कथित जासूसी की जांच कर रही थी। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई को ऐसे सबूत मिले हैं जिनमें संजय पांडे द्वारा अवैध जासूसी का सुझाव दिया गया है।
सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान संजय पांडे से जुड़ी एक फर्म आईसेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के परिसर से कुछ बिल की रसीदें, रिकॉर्डिंग के आवाज के नमूने, रिकॉर्डिंग के मूल टेप और सर्वर के साथ-साथ दो लैपटॉप बरामद किए थे। सूत्रों के मुताबिक, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्णा और रवि नारायण, एनएसई के कर्मचारियों की अवैध रूप से जासूसी करने के लिए एक निजी फर्म से जुड़े रहे।
सीबीआई को संदेह है कि दोनों यह पता लगाना चाहते थे कि एनएसई के कर्मचारी क्या चर्चा करते थे या फिर क्या एक्सचेंज से संबंधित जानकारी लीक कर रहे थे। सूत्रों ने बताया कि संजय पांडे से जुड़ी कंपनी आईसेक सर्विसेज को कॉन्ट्रैक्ट के रूप में करीब 4.45 करोड़ रुपयों का भुगतान किया गया था। संयोगवश यह कथित जासूसी साल 2009 से 2017 तक हुई, जब को-लोकेशन घोटाला हुआ था।
गौरतलब है कि, सीबीआई ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को संजय पांडेय के आवास समेत मुंबई, पुणे, कोटा, लखनऊ और दिल्ली-एनसीआर समेत आरोपियों के 18 परिसरों पर छापेमारी की थी। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में सीबीआई ने संजय पांडे से भी पूछताछ की थी।