यूपी के कानपुर में जाजमऊ टेनरी हिंसा के सिलसिले में पूर्व भाजपा नेता नारायण सिंह भदौरिया को गिरफ्तार किया गया है। नारायण भदौरिया वही शख्स है जिसने साल 2021 में एक अपराधी को पुलिस हिरासत से भागने में मदद की थी और फिर उसी आरोप के चलते जेल में बंद था। उस समय नारायण बीजेपी का जिला मंत्री था।

आपको बता दें कि, कानपुर में दो दिन पहले यानी गुरुवार को शालीमार टेनरी को कब्जाने के लिए हुए बवाल और हिंसा हुई थी। नारायण भदौरिया को टेनरी हिंसा का मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है, जिसमें दो गुट आपस में भिड़ गए थे। पुलिस ने भदौरिया को उस फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया, जिसमें वह अपने साथियों के साथ वारदात की जगह पर दिखा है।

बता दें कि, नारायण सिंह भदौरिया पर करोड़ों की जमीन हड़पने का आरोप है। भदौरिया ने अपने समर्थकों के साथ इससे पहले हिस्ट्रीशीटर मनोज सिंह को पिछले साल पुलिस हिरासत से भागने में मदद की थी। घटना के सामने आते ही उन्हें भाजपा से निष्कासित कर कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बाद में उसे जमानत मिल गई थी। इस मामले में फैक्ट्री के दूसरे पक्ष की तरफ से कई आरोप लगाए गए थे।

आरोपों में कहा गया था कि, बवाल में शामिल लोग जिन गाड़ियों से आए थे, उनमें बीजेपी के झंडे लगे थे और हूटर भी लगे हुए थे। फिर पता चला कि, इस विवाद में सपा विधायक रूमी हसन का बेटा कामरान भी मौके पर था।

इस हिंसा मामले में पुलिस ने बारह नामजद लोगों के साथ उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि, यह साफ नहीं किया है कि बवाल में पूर्व भाजपा नेता नारायण भदौरिया किस पक्ष की तरफ से वहां पहुंचा था। नारायण खुद वकील भी है।

कैंट एसीपी मृगंक पाठक ने बताया, ’13 जुलाई को टेनरी के कब्जे को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया था। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी और छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शनिवार को एक अन्य आरोपी (भदौरिया) को गिरफ्तार किया गया।