जम्मू-कश्मीर बैंक घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से गुरुवार को पूछताछ की। इस घोटाले में कथित तौर पर जेएंडके बैंक के निदेशकों द्वारा फर्जी लोन के माध्यम से भारी मात्रा में धनराशि का लेन-देन करने का आरोप है। बता दें कि, इस मामले में जम्मू-कश्मीर बैंक के पूर्व निदेशक निहाल गरवारे की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है और अब उमर अब्दुल्ला से पूछताछ की गई है।
पूछताछ से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बयान जारी कर रहा था कि उमर अब्दुल्ला पर आरोप राजनीतिक प्रकृति के हैं। ऐसे में हमें आशा है कि यदि उन्होंने कोई भी गलत काम नहीं किया है तो वह हमारी मदद करेंगे। साल 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जम्मू-कश्मीर बैंक के अधिकारियों के खिलाफ सीआईडी श्रीनगर ने प्राथमिकी दर्ज की थी। उस वक्त बैंक के कई खातों में संदिग्ध लेन-देन के चलते कार्रवाई की गई थी।
फिर कुछ समय बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जांच शुरू की थी। जांच में कथित तौर पर कई तरह गड़बड़ियां सामने आई थी। जिसमें कई बैंक खातों का इस्तेमाल निजी पार्टियों और लोक सेवकों को पैसा भेजने के लिए किया गया था। हालांकि, इस पूरे मामले में उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस का बयान सामने आया है। जिसमें कहा गया कि उनकी पार्टी के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को ईडी ने आज इस आधार पर पेश होने के लिए दिल्ली बुलाया गया कि जांच के सिलसिले में उनकी उपस्थिति आवश्यक है। पार्टी ने कहा कि उमर अब्दुल्ला का दिल्ली में कोई स्थानीय निवास स्थान नहीं है और रमजान का महीना चल रहा है।
बयान में आगे कहा गया कि इन सब बातों के बावजूद उनके उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने पूछताछ की तारीख आगे बढ़ाने या स्थान परिवर्तन की मांग नहीं की और नोटिस के अनुसार उपस्थित हुए। केंद्र सरकार ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने की आदत बना ली है और यह उसी दिशा में एक और कदम है। पार्टी ने यह भी कहा कि जो भी राजनीतिक दल भाजपा को कड़ी टक्कर देती है उसके पीछे ईडी, सीबीआई, एनआईए, एनसीबी जैसी एजेंसियों को इस्तेमाल किया जाता है।
उमर अब्दुल्ला की पार्टी की तरफ से आगे कहा गया कि एक समय था जब चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा की जाती थी, लेकिन अब ऐसा लगता है कि चुनाव की घोषणा ईडी द्वारा की जाती है। हाल के वर्षों में हमने देखा है कि जहां भी राज्य के चुनाव होने वाले हैं, ईडी जैसी एजेंसियां आती हैं और उन पार्टियों को निशाना बनाती हैं; जो भाजपा को चुनौती देती हैं। हालांकि, जब भी पार्टी को आवश्यकता होगी तब लोग नेशनल कांफ्रेंस का जोरदार समर्थन करेंगे।