राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद चारा घोटाले के मामले में सजा काट रहे हैं। इसी क्रम में लालू यादव के लिए एक और मुश्किल सामने है। अब लालू यादव के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग में केस दर्ज किया है। यह मामला डोरंडा कोषागार से करीब 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है।

जानकारी के अनुसार, रांची स्थित सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ने डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सजा पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को इस संबंध में आदेश जारी किया था। ज्ञात हो कि इस केस में 15 फरवरी को लालू सहित अन्य 74 अभियुक्तों को दोषी पाया गया था। फिर सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद सहित सभी अन्य अभियुक्तों के खिलाफ 21 फरवरी को नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया था।

इस केस में सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान सीबीआई की विशेष अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को 5 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अलावा लालू यादव पर 60 लाख रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था। साथ ही अदालत ने निर्देश देते हुए कहा था कि इस मामले में सभी दोषी और ट्रायल के दौरान मृत अभियुक्तों के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच की जाए।

ईडी इस मामले में जांच करने के बाद कानूनन कार्रवाई करते हुए अवैध चल-अचल संपत्ति को भी जब्त कर सकता है। बता दें कि, यह चारा घोटाले से जुड़ा हुआ तीसरा मामला था, जिसमें अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जांच का आदेश दिया था। इससे पहले दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में ईडी ने केस को टेकओवर कर जांच शुरू कर दी थी।

दुमका कोषागार से 3.76 करोड़ के अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 19 अभियुक्त हैं। जिन पर आरोपों की पुष्टि के बाद अवैध निकासी मामले में सजा हुई थी। उस दौरान भी अदालत ने मामले में सभी दोषी और मृत अभियुक्तों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत जांच के निर्देश दिए थे। साथ ही 1990 के बाद अवैध तरीके से बनाई गई चल-अचल संपत्ति को जब्त करने का निर्देश भी दिया गया था।