Delhi Violence: दिल्ली हिंसा के दौरान पुलिस ने 15 महिलाओं और 30 पुरुषों का यौन शोषण किया है। यह दावा National Federation of Indian Women NFIW की एक रिपोर्ट में किया गया है। दरअसल नागिरकता संशोधन कानून यानी Citizenship Amendment Act (CAA) को लेकर फरवरी के महीने में दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान भारी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में कई लोगों की जान भी चली गई थी। NFIW की रिपोर्ट में इसी हिंसा का जिक्र किया गया है और दावा किया है कि रिपोर्ट तैयार करने के दौरान कई अहम तथ्यों को इसमें शामिल किया गया है।
NFIW का नेतृत्व फिलहाल जानी-मानी सोशल एक्टिविस्ट अरुणा रॉय कर रही हैं। 66 साल की अरुणा के अलावा स्वतंत्रता सेनानी अरुणा आसिफ अली भी इसके सदस्य हैं। NFIW की तरफ से कहा गया है कि उसकी यह रिपोर्ट 10 फरवरी को हुई घटना के साक्ष्य, हिंसा में घायल लोगों के बयान तथा घायलों का इलाज करने वाले चिकित्सकों और नर्सों के बयान पर आधारित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 15-60 वर्ष के उम्र के करीब 70 लोग इस हिंसा में प्रताड़ित हुए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रदर्शन के दौरान महिलाओं और अन्य लोगों को टारगेट कर उनपर यौन हमला किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के साथ पुरुष पुलिसकर्मियों ने छेड़खानी की थी। इस दौरान महिलाओं के कपड़े फाड़ने की कोशिश की गई, उन्हें नाजुक अंगों पर जूतों से मारा गया और उन्हें कई अन्य तरह से यौन प्रताड़ना दी गई। रिपोर्ट के मुताबिक कई महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पर गंभीर चोटें आई हैं।
इस रिपोर्ट में पुरुष प्रदर्शनकारियों पर भी कुछ इसी तरह के हमले का जिक्र किया गया है। दावा किया गया है कि कई पुरुषों के प्राइवेट पार्ट पर भी गंभीर चोटे आआई हैं। हालांकि आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस शुरू से ही इस मामले में इस बात से इनकार करती आई है कि पुलिस की तरफ से किसी भी तरह कि हिंसा या लोगों को प्रताड़ित किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने साफ कहा है कि प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कोशिश सिर्फ हिंसा को रोकने की थी। मंगलवार को NFIW ने अपनी यह रिपोर्ट एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी की है। अभी तक दिल्ली पुलिस की तरफ से इस रिपोर्ट को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है।