पश्चिमी दिल्ली के मायापुरी इलाके में पुलिस सामान्य रूप से वाहन चेकिंग कर रही थी। तभी एक ट्रिपल सवार स्कूटी ने पुलिस को देखकर अचानक से यू-टर्न ले लिया। पुलिस को लगा कि यह ट्रिपल राइडिंग के भारी जुर्माना से बचना चाहते है। लेकिन जब पुलिस ने स्कूटी का पिछा कर उन्हें पकड़ जांच पड़ताल की तो पता चला कि यह चेन स्नैचरो का गिरोह चलाते है। जिन्होंने पिछले छह महिने में 100 से ज्यादा घटनाओं को अंजाम दिया है।दरअसल जब पुलिस ने स्कूटी पकड़ने के बाद इसकी जांच पड़ताल कि तो स्नैचरों का एक गिरोह के सामने आया जिन्होंने स्नैचिंग के अनोखे और खतरनाक वारदात को अंजाम दिया है। इनका नेटवर्क बांग्लादेश तक फैल हुआ है। अपराधियों के बीच यह गिरोह “हाईवे स्नैचर्स” के नाम से मसहूर हैं।
मोबाइल छीनने के लिए स्पोर्ट्स बाइक इस्तेमाल करते थे: मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, हर सुबह इस गिरोह के दो सदस्य एक चोरी की हुई यामाहा आर 15 मोटरसाइकिल पर जहांगीरपुरी के आउटर रिंग रोड पर निकल जाते है, और वे उन मोटरसाइकिल सवारों की तलाश करते है जो अपने मोबाइल फोन को अपनी शर्ट की जेब में रखे होते है ताकि यह फोन को आसानी से निकाल सकें।
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इन जगहों पर ज्यादा सक्रिय थे: वह हाइवे पर फोन को छीनने से पहले मोटरसाइकिल चालक के समानांतर गति से अपनी बाइक चलाते थे, और मौका देखकर फोन लेकर वहां से फरार हो जाते थे। वह ऐसे लोगो को निशाना बनाते थे जो उनका पीछा न कर सके। पकड़े जाने के डर से वह स्पोर्टस बाइक इस्तेमाल करते थे। यह गिरोह ज्यादातर आउटर रिंग रोड जहांगीरपुरी, बरारी, कश्मीरी गेट, आदर्श नगर, भलस्वा नगर जैसी जगहों पर सक्रिय था।
चोरी किये गए फोन को बांग्लादेश में बेचते थे: पुलिस कमिश्नर (पश्चिम जिला) दीपक पुरोहित ने कहा कि चोरी किए गए मोबाइल फोन को बेचने के समय यह गिरोह काफी सतर्क रहता था। वे चोरी किए गए फोन पश्चिम बंगाल में बेचते थे, जहां से उनके लोग फोन को बांग्लादेश में बेचते थे। पूछताछ के दौरान बदमाशों ने बताया कि चोरी के मोबाइल दिल्ली में बेचने से पकड़े जाने का डर रहता है। इसलिए हम चोरी किए गए फोन को इकट्ठा कर एक साथ सिलीगुड़ी (बंगाल) लेकर चले जाते थे, और आसानी से वहां बांग्लादेश के लोगों को बेच देते थे।
पुलिस से भागने की कोशिश की : अधिकारी ने बताय कि पुलिस ने इस गिरोह को शनिवार (5 अक्टूबर) शाम 5 बजे पकड़ा। जब मायापुरी पुलिस स्टेशन की “विशेष विरोधी स्नैचिंग यूनिट” द्वारा मायापुरी डिपो के पास चेकिंग की जा रही थी। पुलिसकर्मियों ने एक स्कूटर पर तीन लोगों को उनकी ओर आते देखा। इससे पहले कि वे उन्हें रोकने के लिए संकेत दे पाते की स्कूटर सवारो ने यू-टर्न ले लिया और भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम ने पहले से ही ऐसी स्थितियों के लिए एक बैकअप टीम तैयार कर रखा था।
स्कूटी के अंदर से मिले 17 मोबाइल : पुलिस ने बताया कि हमारे पास न केवल मोटरसाइकिल पर चलने वाली पुलिस टीम थी, बल्कि वह पूरी तरह से यू-टर्न लेकर भागने वालों को पकड़ने के लिए भी तैयार थे। इसलिए जब स्कूटी पर सवार संदिग्धों ने भागने की कोशिश कि तो पुलिस ने उन्हें आसानी से पकड़ लिया। पुलिस टीम ने जब स्कूटर के स्टोरेज कंपार्टमेंट को चेक किया तो उन्हें एक बैग में रखे 17 फोन मिले। सभी फोन बंद पाए गए। संदिग्धों के पास उनमें से किसी भी फोन का बिल नहीं था। और स्कूटी भी चोरी की थी।
इस गैंग का सरगना पहले भी हो चुका है गिरफ्तार: गिरफ्तार किए गए बदमाशों की पहचान राजा (25 वर्ष), आशु (22 वर्ष) और शेख नासिर (22 वर्ष) के रूप में की है, इस गिरोह का कथित सरगना राजा था जो स्नैचिंग करने में माहिर था। एक अधिकारी ने बताया कि राजा को एक महीने पहले एक अन्य स्नैचिंग मामले में जमानत पर रिहा किया गया था।
पुलिस ने अब तक 21 फोन बरामद किए है जिनमें 13 को अपने IMEI नंबरों का उपयोग कर लिंक किया है और शेष फोन को मालिकों की पहचान कर उन्हें वापस करने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने बताया कि ये सभी फोन आने वाले दिनों में बंगाल भेजे जाने थे।

