देश भर में साल 2020 में लगे कोरोना लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को जहाज से घर भेज चर्चा में आए मशरूम किसान का शव बुधवार को दिल्ली के एक मंदिर में लटका हुआ पाया गया। 55 साल के पप्पन सिंह गहलोत ने मजदूरों को जहाज से बिहार भेजकर देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा था।

पुलिस के अनुसार, पप्पन सिंह गहलोत मशरूम किसान थे, जिनका शव राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलीपुर इलाके में उनके घर के सामने एक मंदिर के पंखे से लटका पाया गया। पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें गहलोत ने अपनी आत्महत्या का कारण ‘बीमारी’ बताया है। पुलिस ने बताया कि गहलोत के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और कहा कि आगे की जांच जारी है।

पप्पन सिंह गहलोत उस वक़्त चर्चा में आए थे जब साल 2020 की मई में कोरोना महामारी के बीच उन्होंने अपने मजदूरों को विमान के जरिए दिल्ली से पटना भेजा था। उन दिनों लॉकडाउन से गरीब मजदूर काफी परेशान थे। कई तो अपने बुरे हालातों में साइकिल और पैदल चलाकर अपने घर पहुंचे थे।

पुलिस के मुताबिक, पप्पन सिंह अपने घर के नजदीक स्थित शिव मंदिर में रोज दर्शन के जाते रहते थे। बुधवार को जब एक पुजारी ने पप्पन सिंह की डेड बॉडी मंदिर के पंखे से लटकते हुए देखी तो आसपास के लोगों के साथ पुलिस को सूचना दी गई थी। मृतक के परिजनों ने किसी पर शक जाहिर नहीं किया है। पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है।

पप्पन सिंह ने कोरोना के दौरान लगे कई प्रतिबंधों के बावजूद प्रवासी मजदूरों पर 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया था। अब पप्पन सिंह की मौत से सभी लोग हैरान हैं। पुलिस परिजनों से भी पूछताछ कर रही है कि उन्हें वह किस समस्या का सामना कर रहे थे। जिस वक्त पप्पन अपने मजदूरों की मदद के लिये आगे आए थे। 55 साल के पप्पन सिंह ने कोरोना महामारी के दौरान 10 मजदूरों को विमान से बिहार उनके घर भेज दिया था। तब लोगों ने उनकी जमकर तारीफ की थी।