कई बार शादी टूटने के बाद महिलाएं पति से गुजारा भत्ता जिसे आम भाषा में Alimony कहते हैं, मांगने के लिए कोर्ट का रुख कर लेती हैं। कोर्ट भी कई बार ऐसे मामलों में महिला के पक्ष में फैसला सुनाता है। हालांकि, कुछ मामलों में कोर्ट महिला को फटकार भी लगाता है। ऐसा ही एक मामला इनदिनों सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

पति-पत्नी इस मामले को सेटल कर लें : कोर्ट

कोर्ट की सुनावाई के क्लिप में जज ये कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि पति-पत्नी इस मामले को सेटल कर लें। नहीं तो वो इस केस को Irretrievable breakdown of marriage की कैटेगोरी में डाल देंगे। Irretrievable breakdown of marriage एक ऐसी स्थिति है जिसमें ये माना जाता है कि शादी नहीं बच सकती है और सुलह की कोई संभावना नहीं है। आइये बताते हैं कि पूरा मामला क्या है।

दरअसल उत्तर प्रदेश की एक महिला की शादी BHEL में बतौर इंजीनियर काम कर रहे शख्स से 15 साल पहले हुई थी। लेकिन वो पति के साथ केवल सात व सुसराल में केवल 1 महीने रही और फिर वापस अपने मायके चली गई। ऐसा करने के बाद उसने लड़के पर कई सारे केस कर दिए और एलिमनी के तौर पर 40 लाख रुपये मांगे।

लड़का पक्ष ने शुरुआत में 15 लाख देकर मामला सेटल करने की पेशकश की, लेकिन महिला ने 40 लाख से कम में नहीं मानने की बात कही। मामला लंबा खिंचता जा रहा था ऐसे में लड़का पक्ष ने 30 लाख रुपये तक देने की बात कही। लेकिन महिला 40 लाख की मांग पर अड़ी हुई थी।

कानून को वसूली का जरिया नहीं बनाया जा सकता

ऐसे में बीते दिनों मामले में सुनवाई करते हुए जज ने महिला पक्ष के वकील को कहा कि जब वे 30 लाख देने को तैयार हैं तो मामला सेटल कर लो। ये क्या जिद है कि 40 लाख ही लेंगे। कानून को वसूली का जरिया नहीं बनाया जा सकता है। बहुत से बहुत 31 लाख पर सेटल कर लें, अन्यथा मामले को Irretrievable breakdown of marriage की कैटेगोरी में डाल देंगे। ये कोई वसूली का मामला तो है नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने भी ऐसा कई मामलों में किया है। कोर्ट के ऐसा कहने पर दोनों पक्ष रजामंद हो गए और मामले को सेटल करने के लिए हामी भरी।