Coronavirus, (COVID-19) George Floyd Dead In America: कोरोना वायरस के हमले से अमेरिका में पहले से ही मातम पसरा हुआ है। अब अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद अमेरिका के कई बड़े राज्य प्रदर्शन और हिंसक झड़प की आग में धधकने लगे हैं। हालात यह हो गए कि प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस तक पहुंच गए जिसके बाद खुद सुपर पावर अमेरिका के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को बंकर में शरण लेनी पड़ी।
पेशे से बाउंसर 48 साल के George Floyd की बीते सोमवार (25 मई, 2020) को पुलिस कस्टडी में मौत हुई थी। लेकिन George Floyd की मौत जिस तरह से हुई उसपर यहां बवाल मचा हुआ है। 8 मिनट 46 सेकेंड का एक वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में नजर आ रहा है कि George Floyd जमीन पर गिरे पड़े हैं और पुलिस वाले ने अपने घुटने से उनकी गर्दन दबा रखी है। मिनीपोलिस के पुलिस अधिकारियों ने उस दिन George Floyd को 20 डॉलर के फर्जी बिल के आधार पर सिगरेट खरीदने के आरोप में पकड़ा था।
George Floyd को अरेस्ट करने, उनके अस्पताल पहुंचने तथा मृत घोषित किये जाने से पहले तक का पूरा सीन यहां के सीसीटीवी कैमरे में कैद है। कैमरे के फुटेज में नजर आ रहा है कि George Floyd अपनी गाड़ी से रास्ते में रुके हैं और फिर दो युवकों से वो कुछ सामान लेते हैं। कुछ ही देर बाद तीन पुलिसकर्मी पहुंच जाते हैं और George Floyd को सरेंडर करने के लिए कहते हैं।
वीडियो में नजर आ रहा है कि बिना किसी विरोध के George Floyd ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। एक पुलिस वाला जॉर्ज फ्लॉयड के हाथों में हथकड़ियां डालता है और फिर उन्हें जमीन पर लेटा देता है। यह पुलिस वाला अपने घुटने को उनकी गर्दन पर टिका देता है।
George Floyd लगातार पुलिस वाले से कहते हैं कि ‘उन्हें सांस नहीं आ रही है’ लेकिन पुलिस वाला उनकी अनसुनी कर देते हैं। थोड़ी देर बाद जॉज अंतिम बार चीख कर कहते हैं कि ‘मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं’ और फिर वो बेसुध हो जाते हैं।
इसके बाद जॉज को अस्पताल ले जाया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया जाता है। जिस श्वेत अधिकारी ने जॉर्ज की गर्दन दबा रखी थी उसकी पहचान डेरेक चाउविन के तौर पर हुई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। चाउविन पर थर्ड डिग्री हत्या और मानव वध का आरोप लगाया गया है।
आपको बता दें कि अमेरिका में ऐसे अपराधों में दोषी पाए जाने पर 12 साल तक जेल की सजा हो सकती है। चाउविन के साथ ही उन तीन अन्य अधिकारियों को भी बर्खास्त कर दिया गया जो घटनास्थल पर मौजूद थे।
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद बुधवार-गुरुवार की रात से अमेरिका के कई शहरों में प्रदर्शन शुरू हो गये। देखते ही देखते बृहस्पतिवार को दंगाइयों ने मिनीपोलिस की उस पुलिस चौकी को फूंक दिया जहां फ्लॉयड को गिरफ्तार किया गया था।
इसके बाद तो अमेरिका में यह प्रदर्शन देशभर में फैल गया और वाशिंगटन डीसी, अटलांटा, फिनिक्स, डेनवर और लॉस एंजिलिस समेत कुछ शहरों में इसने हिंसक रूप ले लिया।
फिनिक्स, डेनवर, लास वेगास, लॉस एंजिलिस और कई अन्य शहरों में हजारों प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर थे जिनपर लिखा था, “उसने कहा, मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं। जॉर्ज के लिए न्याय।” प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, ‘न्याय नहीं, शांति नहीं’ और कहा, ‘उसका नाम पुकारो। जॉर्ज फ्लॉयड।’