चिन्मायानंद रेप केस मामले में एक नई बात खुल कर सामने आई है। इस केस से संबंधित संजय के पास मौजूद वीडियो को दो नेता खरीदना चाहते थे। संजय को उन पर रिश्तेदार होने के बाद भी भरोसा नहीं था। इसके साथ वीडियो का डिमांड देख संजय का लालच भी बढ़ गया था। इसलिए उसने चिन्मायानंद के वीडियो नहीं बेचे। अंत में संजय का खेल बिगड़ और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि अप्रैल 2019 से ही चिन्मयानंद की वीडियो बनने शुरू हुए थे।
अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर किया प्लान: जिसमें से कुछ वीडियो संजय को मिल भी गए थे। संजय ने इस वीडियो के बारे में अपने चचेरे भाई विक्रम सिंह उर्फ दुर्गेश सिंह से चर्चा की । विक्रम को उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ, तो उसने वीडियो देखने की मांग की जिसके बाद संजय ने विक्रम को वीडियो अपने फोन पर दिखाया। इन वीडियो के जरिए चिन्यमानंद से मोटी रकम लेने की तैयारी अब शुरू हो गई। हांलाकि रकम कितना मांगी जाए इसको लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ था।
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दोनोंं नेता संजय के रिश्तेदार है: विक्रम ने इस वीडियो की जानकारी गांव में ही रहने वाले रिश्तेदार और एक नेता के पास पहुंची। नेता ने भी इन वीडियो को हासिल करने के लिए अपना दिमाग लगाना शुरू किया। हालांकि इन वीडियो को लेकर उन्होंने अपने कैडर के कुछ लोगों से चर्चा भी किया। इसके बाद और एक नेता को इन वीडियो के बारे में पता चला और वह भी संजय का रिश्तेदार था। अब दोनों नेताओ ने इन वीडियो को हासिल करने के लिए अपना दिमाग लगाने लगे।
पत्रकार बन चिन्मायानंद से मिले: दोनों नेता जब वीडियो को हासिल करने में विफल रहे तो उन्होंने संजय को सलाह देना शुरू कर दिया। उनके ही कहने पर संजय और विक्रम चलने लगे। उनके ही कहने पर दिल्ली के किसी पत्रकार को बुलाकर चिन्मायानंद के वीडियो के बारे बताए जाने का निर्णय लिया गया। इसकी जिम्मेदारी विक्रम को दी गई। विक्रम ने अपने मौसेरे भाई सचिन को पूरी बात बताई और उसे पत्रकार बनकर चिन्मांयानद से मिलने को कहा ।
रकम की बढ़ोतरी पर चिन्मायानंद को शक हुआ: वीडियो के बदले समय-समय पर बढ़ती रकम को देखकर चिन्मयानंद को शक होने लगा और इससे उन्हें एक बात समझ में आ गई कि लड़को को यदि पैसे दिए भी जाते है तो भी यह मामला शांत नहीं होगा। इसके बाद भी वह रुपए देने के लिए तैयार हो गए, लेकिन उन्होंने इसमें कुछ राजनीतिक दबाव भी डालना शुरू कर दिया। इसके लिए संजय के गांव के पड़ोस के एक नेता को चिन्मायानंद ने बुलाकर पूरी बात बताई और रुपया देकर पूरा मामला खत्म कराने की जिम्मेदारी उन्हें सौप दी।

