CBI raids in 20 states in CSEM Case: देश भर के 20 राज्यों में करीब 56 जगहों पर ऑपरेशन मेघचक्र के तहत सीबीआई की छापेमारी जारी है। बताया जा रहा है कि सीबीआई की छापेमारी चाइल्ड पोर्नोग्राफी यानी ऑनलाइन चाइल्ड सेक्शुअल एक्स्प्लॉयटेशन मटेरियल (CSEM) से जुड़ी हुई है। सीबीआई की यह छापेमारी सिंगापुर और न्यूजीलैंड की इंटरपोल यूनिट द्वारा साझा किए गए इनपुट पर आधारित हैं।

सीबीआई के सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी को जानकारी दी गई है कि देश में कुछ ऐसे गिरोह हैं जो कि बाल यौन शोषण से जुड़े कंटेंट का ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर बिजनेस करते हैं। इस केस में जानकारी यह भी है कि सिंगापुर के जरिए न्यूजीलैंड इंटरपोल यूनिट ने बताया था कि भारत के कई गिरोह इस गैरकानूनी काम में शामिल हैं।

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीबीआई की छापेमारी के केंद्र में क्लाउड स्टोरेज सर्विसेज हैं, जिसका इस्तेमाल अपराधी बच्चों के साथ गैरकानूनी चाइल्ड पोर्नोग्राफी/चाइल्ड एब्यूज के ऑडियो-विजुअल कंटेंट को खरीदने-बेचने और उन्हें प्रमोट करने के लिए करते हैं। इसी के चलते इस अभियान को सीबीआई ने ‘ऑपरेशन मेघचक्र’ नाम दिया गया है।

देश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी और चाइल्ड एब्यूज से जुड़े कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी अपनी चिंता जाता चुका है। इसी मामले को लेकर कुछ दिनों पहले ही दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर चिंता जताई थी, साथ ही ट्विटर को एक नोटिस भी भेजा था। वहीं, इस तरह की शिकायतों को लेकर बीते साल नवंबर में भी ऑपरेशन कॉर्बन चलाया गया था।

समय-समय पर सामने आ रहे केस के चलते सुप्रीम कोर्ट भी सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड चाइल्ड पोर्नोग्राफी के वीडियो और कंटेंट को लेकर चिंता जता चुका है। बीते साल नवंबर में जब सीबीआई ने ऑपरेशन कॉर्बन चलाया था तो देश के 14 प्रदेशों में 70 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी कर सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई के ऑपरेशन कॉर्बन में सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड कंटेंट की लीड के साथ करीब 50 से ज्यादा ग्रुप पर जुड़े 5 हजार से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स का पता लगाया गया था, जो इस गैरकानूनी काम में शामिल थे। इस छापेमारी में यूपी के भी कई शहर शामिल थे।