केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पुणे इकाई ने सोमवार को लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के एक सेवारत अधिकारी और सेना आर्डिनेंस कोर (एओसी) के एक सिपाही को 2020-21 में आयोजित सेना भर्ती परीक्षा की उत्तर कुंजी लीक करने के मामले में गिरफ्तार किया है।
इस मामले में पिछले साल दिसंबर में, सीबीआई ने उत्तर कुंजी को कथित रूप से लीक करने के लिए सेना आर्डिनेंस कोर के अधिकारी के साथ दो अन्य सैन्य कर्मियों, एक हवलदार और एक सिपाही के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले का पता तब चला जब सीबीआई ने भारतीय सेना के साथ मिलकर रिश्वतखोरी के एक पुराने मामले की जांच शुरू की थी।
फिर नवंबर 2021 में पुणे से सेना के दो हवलदारों को एक सेना आर्डिनेंस कोर के गठन की प्रक्रिया में नागरिकों की भर्ती की प्रक्रिया में रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों को आर्डिनेंस कोर, पुणे द्वारा 2019 में आयोजित परीक्षा के माध्यम से विभिन्न नागरिक समूह ‘सी’ पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया में उम्मीदवारों से पैसे मांगने और लेने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
जांच से पता चला था कि एक अन्य हवलदार और लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के उनके नियंत्रण अधिकारी 2020-21 में आयोजित एक परीक्षा के माध्यम से कर्मियों के चयन के लिए एक अन्य भर्ती प्रक्रिया में शामिल थे। साथ ही 8 सितंबर, 2021 को लेफ्टिनेंट कर्नल ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र की उत्तर कुंजी हवलदार की पत्नी के नाम से पंजीकृत एक सेल फोन पर भेजी थी। फिर उसी नंबर से उत्तर कुंजी को सिपाही की पत्नी के फोन नंबर पर भेज दिया गया था।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि लेफ्टिनेंट कर्नल और सिपाही को सोमवार रात गिरफ्तार किया गया था। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि यह पता लगाने के लिए भी जांच की जा रही है कि उत्तर कुंजी उम्मीदवारों को कैसे लीक हुई और अन्य बातों के अलावा पैसे का आदान-प्रदान कैसे हुआ। नवंबर में पहली कार्रवाई के बाद, दो संदिग्धों के विभिन्न परिसरों में तलाशी ली गई और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
नवंबर में कार्रवाई के बाद जारी एक बयान में दक्षिणी कमान ने कहा था, भारतीय सेना भ्रष्टाचार के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ काम करती है। ऐसे कदाचार से निपटने के लिए सेना के सख्त नियम हैं और दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए तेजी से जांच की जा रही है।