यूपी के बिजनौर की एक अदालत ने हत्या के आरोपी को फांसी की सजा दी है। आरोपी ने 2015 में एक महिला और उसकी बेटी की सरेआम चाकू से हत्या कर दी थी। हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई थी। लोग खौफ में जी रहे थे। मंजर ऐसा था कि चारों तरफ सड़क पर खून के छींटे फैले थे। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई थी। शख्स की आंखों के सामने ही उसकी मां और बहन की हत्या कर दी गई थी।
20 जून 2015 का है मामला
अब अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए फसे फांसी की सजा सुनाई है। शासकीय अधिवक्ता संजीव वर्मा ने बुधवार को बताया कि नजीबाबाद के अलीपुरा गांव के सलमान ने 20 जून 2015 को नजीबाबाद थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अपनी मां आयशा और बहन पूजा के साथ मोटरसाइकिल से घर जा रहा था, तभी गांव के रास्ते में उसके रिश्तेदार अमजद ने मोटरसाइकिल रुकवाकर आयशा और पूजा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी।
अदालत ने सुनाई फांसी की सजा
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) राम अवतार यादव ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को अमजद को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई और उस पर एक लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। सूत्रों के मुताबिक, आयशा ने दूसरी बिरादरी के मुस्तकीम से दूसरी शादी की थी। पूजा, आयशा के पहले पति की बेटी थी। उन्होंने बताया कि अमजद, मुस्तकीम का भांजा था और वह पूजा से शादी करना चाहता था मगर आयशा इसके खिलाफ थी।
सलमान को मारने के लिए चाकू लेकर दौड़ाया
मां-बेटी की हत्या करने के बाद आरोपी सलमान को मारने के लिए उसके पीछे चाकू लेकर दौड़ा मगर शोर मचाने पर तब कर वहां लोग इकट्ठा हो गए। इसके बाद आरोपी वहां से सलमान को जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। आरोपी ने आयशा को 10 और पूजा को 9 बार चाकू सो गोदा था। उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के बाद आरोपी को खून से सने चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था।
कोर्ट ने कहा सोच-समझकर की गई हत्या
फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि आऱोपी ने प्लानिंग के तहत ये हत्याएं की हैं। उसने सोच-विचार कर मां-बेटी की हत्या की है। जिससे तड़पकर उनकी मौत हुई होगी। यह मामला विरलतम अपराध की श्रेणी में आता है। अमजद सहानुभूति के लायक नहीं है। वह मृत्युदंड का पात्र है। इसके बाद आऱोपी को फांसी की सजा सुनाई गई।