बिहार के मुजफ्फरपुर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पंचायत के मुखिया ने पंचायत सचिव को बेरहमी से पीट दिया। मंगलवार (28 जून) को घटना के वक्त पंचायत सचिव, बीडीओ के साथ उसके दफ्तर में बैठा था। बताया जा रहा है पूरा मामला रंगदारी से जुड़ा हुआ है।
बीडीओ के दफ्तर में की मारपीट: मिली जानकारी के मुताबिक, घटना मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर ब्लॉक से सामने आई है। जहां पंचायत सचिव सुरेश सिंह को हरदी पंचायत के मुखिया राकेश कुमार मंटू ने पीट दिया। जिस समय यह मारपीट हुई उस वक्त सचिव, बीडीओ के दफ्तर में ही बैठे हुए थे। इस मारपीट से पूरे ब्लॉक परिसर में लोगों की भीड़ जुट गई। इस मारपीट में पंचायत सचिव सुरेश सिंह घायल हो गए।
साथियों के साथ बोला हमला: जब मुखिया के द्वारा की गई इस मारपीट का ब्लॉक कर्मचारियों ने विरोध किया तो वह अपने साथियों के साथ परिसर से चला गया। पंचायत सचिव ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि मोतीपुर ब्लॉक में बीडीओ के साथ उनकी बैठक थी। तभी हरदा पंचायत के मुखिया रोहित अपने डेढ़ दर्जन से अधिक साथियों के साथ बीडीओ के दफ्तर में घुस आए। बिना किसी बातचीत के उन्होंने हमारे ऊपर हमला बोल दिया।
दफ्तर से घसीटकर ले गए बाहर: सचिव की मानें तो इस दौरान उन्होंने मारपीट करने के साथ कपड़े भी फाड़ दिए। साथ ही जेब में रखे रुपए व गले में पहनी चेन भी छीनकर ले गए। फिर उन पर जानलेवा हमला करने की कोशिश में घसीटकर दफ्तर से बाहर ले जाया गया। हालांकि, तब तक ब्लॉक में मौजूद बीडीओ व अन्य कर्मचारियों ने उन्हें बचा लिया।
रंगदारी है हमले का कारण: ब्लॉक में बीडीओ के दफ्तर के अंदर हुई दुस्साहसिक घटना में पंचायत सचिव ने कहा कि हरदा पंचायत के मुखिया राकेश कुमार मंटू रंगदारी मांग रहे हैं। साथ ही उन्होंने धमकी दी है कि वह (पंचायत सचिव) उनके क्षेत्र में न दिखाई पड़ें। सचिव के मुताबिक वह इस हमले से पहले भी कथैया थाने में शिकायत दर्ज करा चुके हैं। वहीं, इस घटना के बाद कर्मचारियों ने मुखिया की गिरफ्तारी को लेकर हड़ताल कर दी है।
मुखिया बोले- आरोप झूठे: पंचायत सचिव के साथ ब्लॉक परिसर के बीडीओ दफ्तर में घुसकर मारपीट के मामले को एसडीओ ने संगीन मामला बताया है। उन्होंने कहा कि किसी भी जनप्रतिनिधि से ऐसे कृत्य की अपेक्षा नहीं की जा सकती है। इस मारपीट के मामले में मुखिया राकेश कुमार मंटू के खिलाफ बीडीओ ने शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, मुखिया ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। मुखिया ने स्वयं अधिकारियों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है।