बिहार के बांका में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां एक निजी गेस्ट हाउस में गिरोह एक दफ्तर चला रहा था, जिसमें पुलिस एस्कॉर्ट में बहाली के नाम पर उगाही का खेल चल रहा था। अब इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपियों पर खुद को पुलिसकर्मी के रूप में पेश करने और पुलिस की नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों से पैसे लेने के भी आरोप हैं।

पुलिस ने जानकारी देते हुए बांका में फर्जी पुलिस वाले आरोपियों की पहचान आकाश कुमार, अनीता कुमारी, जूली कुमारी और रमेश कुमार के रूप में हुई है। जबकि बांका के फुल्लीडूम्मर निवासी कथित सरगना भोला यादव फरार है। पुलिस ने पकड़े गए लोगों के पास से बिहार पुलिस की वर्दी के दो सेट और एक देसी पिस्टल बरामद की है। साथ ही उन पर धोखाधड़ी के लिए आईपीसी की संबंधित धाराओं और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के अनुसार, इस गिरोह से जुड़े लोग फर्जी पुलिस वालों के साथ गांवों में जाते थे और पुलिस एस्कॉर्ट की नौकरी के लिए युवाओं से फर्जी फॉर्म भरवाकर नौकरी के लिए 70 हजार की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि गिरोह ने अब तक करीब दर्जन भर आवेदकों से फॉर्म भरवा लिए थे। बताया जा रहा है कि दफ्तर में फर्जी पुलिसवालों को 500 रुपए की दिहाड़ी भी मिलती थी।

बांका शहर के बीचो-बीच एक गेस्ट हाउस में यह गिरोह कुछ समय पहले ही एक्टिव हुआ था। गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब अनीता कुमारी नाम की आरोपी महिला खाकी वर्दी में बांका पुलिस को दिखी। टाउन पुलिस स्टेशन, बांका की एक टीम ने देखा कि महिला घबराई हुई लग रही थी। पुलिस ने जानकारी के लिए रोका तो वह भागने लगी, जिसके बाद उसका पीछा करके पकड़ लिया।

महिला को पकड़ने वाली टीम को लीड कर रहे नगर थाना प्रभारी शंभू यादव ने बताया कि बांका शहर के एक गेस्ट हाउस से यह पूरा रैकेट चलाया जा रहा था। पुलिस ने बताया कि अनीता कुमारी खुद को सब इंस्पेक्टर बताती थी। जबकि एक अन्य आरोपी आकाश ने पुलिस को बताया कि उसने कथित सरगना भोला यादव को “नौकरी” दिलाने के लिए 70,000 रुपए दिए थे।

बांका के पुलिस अधीक्षक सत्य प्रकाश ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया “आरोपियों ने ‘पटना एस्कॉर्ट पार्टी’ के नाम से एक ट्रस्ट रजिस्टर्ड कराया था। एसपी ने कहा कि इस मामले में पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। साथ ही दर्जन भर ऐसे आवेदकों की जानकारी है, जिन्होंने गिरोह को नौकरी के लिए 70,000 रुपए दिए थे और जांच जारी है।