Bahubali Rajan Tiwari arrested: कभी माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला का राइट हैंड रहे और दो बार के पूर्व विधायक राजन तिवारी को पुलिस ने बिहार से नेपाल भागते समय गिरफ्तार कर लिया। गोरखपुर पुलिस और एसओजी टीम ने बिहार पुलिस की मदद से राजन तिवारी को रक्सौल के हरैया इलाके से गिरफ्तार किया है। बाहुबली राजन तिवारी काफी समय से अंडरग्राउंड था और उसके खिलाफ 2005 के आपराधिक मामले में कोर्ट ने वारंट जारी कर रखा था।

पुलिस के अनुसार, राजन तिवारी की गिरफ्तारी 17 साल पुराने में 2005 के एक मामले में हुई है। मोतिहारी के एसपी कुमार आशीष ने राजन तिवारी की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे राजन तिवारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश बिहार में कई मुकदमे दर्ज हैं। यूपी पुलिस ने राजन तिवारी पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है। उस पर यूपी-बिहार में दर्जनों केस दर्ज हैं।

कौन है राजन तिवारी?

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के सोहगौरा का रहने वाला राजन तिवारी ने पढ़ाई पूरी की और जल्द ही उसे बाहुबल का शौक चढ़ा। वो दौर श्रीप्रकाश शुक्ला का था और राजन ने भी जुर्म की दुनिया में अपने कदम बढ़ा दिए। फिर थोड़े ही समय में राजन तिवारी का नाम उन मामलों में भी जुड़ने लगा, जिनमें श्रीप्रकाश मुख्य आरोपी हुआ करता था। धीरे-धीरे राजन तिवारी अपने कद के चलते श्रीप्रकाश शुक्ला का राइट हैंड बन गया, यहीं से उसके नाम के आगे बाहुबली जुड़ गया।

वीरेंद्र शाही केस में श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ बना आरोपी

राजन तिवारी का नाम सबसे ज्यादा पहली बार तब चर्चा में आया, जब उसे यूपी के महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले में माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ आरोपी बनाया गया था। इसी घटना के बाद राजन तिवारी यूपी पुलिस के लिए वांटेड बन गया। उत्तर प्रदेश में दर्ज आपराधिक मामलों में कानूनी कार्रवाई और गैंगवार से बचने के लिए राजन ने बिहार पूर्वी चंपारण को अपना ठिकाना बनाया था। हालांकि, साल 2014 में उसे शाही केस में बरी कर दिया गया था।

मंत्री बृजबिहारी प्रसाद और अजीत सरकार हत्याकांड में रहा आरोपी

बिहार पहुंचने के बाद राजन तिवारी का नाम बिहार सरकार के मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या में आया। इस हत्याकांड में राजन तिवारी को निचली अदालत से उम्रकैद की सजा भी हुई, लेकिन सबूतों के अभाव में साल 2014 में पटना हाईकोर्ट से उसे बरी कर दिया। वहीं, राजन तिवारी बहुचर्चित माकपा विधायक अजीत सरकार के हत्याकांड में भी आरोपी बना। कई सालों बाद पटना हाई कोर्ट ने तिवारी को बरी कर दिया था। इसी केस में पप्पू यादव भी आरोपी थे और सालों तक सजा काटी थी।

दो बार बना विधायक, BJP की ली थी सदस्यता

सालों तक सलाखों के पीछे रहने वाले राजन तिवारी का रसूख कम नहीं हुआ और वह चुनाव जीतकर दो बार विधानसभा पहुंचा। इसके अलावा, साल 2004 में वह लोकसभा जाने के लिए भी भाग्य आजमा चुका है। बिहार में राजनीतिक जमीन तैयार करने वाले राजन तिवारी ने 2016 में बीएसपी जॉइन की। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ली थी। हालांकि, इस पर विवाद होने के बाद पार्टी ने राजन को साइड लाइन कर दिया था।