एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में यूपी के बहराईच का रहने वाला धर्मराज राजेश कश्यप (19) और हरियाणा के कैथल का रहने वाला गुरमैल बलजीत सिंह (23) शामिल है. जबकि बहराईच का ही रहने वाला शिवा अभी फरार चल रहा है, जिसकी पुलिस को तलाश है।
इधर, पुलिस द्वारा आरोपियों के परिजनों को घटना की जानकारी मिलने के बाद वे सदमे में आ गए हैं। बहराईच निवासी धर्मराज कश्यप की मां ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान बताया कि दो महीने पहले धर्मराज कबाड़ का काम करने की बात कह कर गया था।
उन्होंने कहा, “अब वहां जाकर वो क्या कर रहा है, इसकी हमें कोई जानकारी नहीं थी। हमसे तो पुणे जाने की बात कहकर गया था। आज सुबह जब पुलिस घर आई तो सारी सच्चाई हमें पता चली। जब से गया है, एक दो महीने में एक बार केवल बात हुई है। उसने ना हमें पैसे भेजे, ना कोई बातचीत की। यहां तो वो काफी अच्छे से रहता था। कभी लड़ाई झगड़े में नहीं रहा।”
वहीं, हरियाणा के कैथल का रहने वाले गुरमैल बलजीत सिंह की दादी ने एएनआई से कहा, ” वो मेरा पोता था, लेकिन अब वो मेरा कुछ भी नहीं लगता। वो लंबे समय से हमारे संपर्क में नहीं था। ना उसका फोन आता था। ना बातचीत होती थी। हमने बीते 10-11 साल से उसे घर से बेदखल करके रखा था। घर से उसका कोई लेना देना नहीं था। उल्टे-सीधे कामों में शामिल रहने के कारण उसे घर से निकाल दिया था।”
इधर, फरार आरोपी शिवा की मां ने कहा, ” हमें तो यही पता था कि पुणे में कबाड़ी का काम करता है । उसके मुंबई में होने की जानकारी नहीं थी। होली के बाद से वो घर नहीं आया है। हमें किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है। फोन पर भी बातचीत नहीं होती थी। यहां रहता था तो मजदूरी करता था। पहले पैसे देता था। इधर, कुछ महीनों से पैसे देना भी बंद कर दिया था। बेटी बीमार थी तो तीन हजार रुपये दूसरे के हाथों भिजवाया था। “