मुजफ्फरनगर जिले के भोपा क्षेत्र में एंटी करप्शन की टीम ने थाने पर तैनात एक दारोगा को दस हजार रूपए की रिश्वत के आरोप में हिरासत लिया है। फिलहाल दारोगा की जांच-पड़ताल की जा रही गई। शिकायत के आधार पर मंगलवार की दोपहर भोपा थाना पहुंची एंटी करप्शन की टीम ने 10 हजार रूपए रिश्वत लेने के आरोप में थाने पर तैनात उप निरीक्षक सुभाष चंद्र को हिरासत में ले लिया गया। एंटी करप्शन की टीम की इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। हर तरफ घटना की चर्चा हो रही है। बहरहाल, एंटी करप्शन की टीम ने दारोगा को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।

कांस्टेबल ने धमकी देकर की वसूली

सीबीआई ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर एक व्यवसायी को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी और उससे पैसे मांगे। कांस्टेबल का नाम सुनील यादव है। वह जुलाई 2022 में सीबीआई में प्रतिनियुक्ति पर आया था। इसके बाद उसे मार्च 2023 में फिर से आरपीएफ में भेज दिया गया था।

मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरपीएफ में लौटने के बाद कांस्टेबल ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया और एक व्यवसायी के साथ धोखाधड़ी की। इसके लिए उसने एक नकली पहचानपत्र का इस्तेमाल किया। कांस्टेबल पर यह भी आरोप है कि उसने मुजफ्फरनगर के एक व्यवसायी को फंसाने के लिए नकली पहचान पत्र का इस्तेमाल कर “सीबीआई द्वारा कथित तौर पर जारी एक जाली नोटिस” देने के लिए नया मंडी पुलिस थाने की मदद ली।

मामले में सीबीआई ने कहा, ‘‘कांस्टेबल यह आरोप है कि उसने सीबीआई मामले में राहत देने के नाम पर व्यवसायी से पैसे की मांग की थी। इसके अलावा आरोपी ने व्यवसायी को जमीनी विवाद में किसी अन्य शख्स के साथ समझौते के लिए भी धमकाया। दरअसल, उस जमीन पर मुकदमा चल रहा था। रविवार को गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने कांस्टेबल के दिल्ली और मेरठ स्थित आवास पर छापा मारा। जहां नकली सीबीआई पहचान पत्र, सीबीआई द्वारा जारी जाली नोटिस और अन्य संबंधित दस्तावेज बरामद किए गए। फिलहाल मामले में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

INPUT- संजीव चौधरी