उत्तराखंड में रिसॉर्ट रिसेप्सनिस्ट की कथित हत्या के मामले में परिजनों ने रिसॉर्ट पर बुलडोजर की कार्रवाई पर नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया था कि वहां नुकसान पहुंचाने के बाद कई सारे सबूत मिट गए होंगे। ऐसे में SIT इंचार्ज पीआर देवी ने दावा किया है कि बुलडोजर एक्शन से पहले ही सभी फिजिकल और फॉरेंसिक सबूत जुटा लिए गए थे और उन्हें सुरक्षित रखा गया है।

आपको बता दें कि, अंकिता भंडारी की कथित हत्या के मामले में गुस्साए लोगों ने पहले रिसॉर्ट में तोड़फोड़ की थी और फिर देर रात में सरकार द्वारा बुलडोजर का एक्शन लिया गया था। इस मामले में रिसॉर्ट के मालिक और भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य को उसके दो करीबी सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था, जो कि अब न्यायिक हिरासत में हैं।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने SIT इंचार्ज पीआर देवी के हवाले से कहा कि “फॉरेंसिक टीम ने 24 सितंबर को वनंतरा रिसॉर्ट से सभी सबूत इकठ्ठा कर लिए थे। पीआर देवी ने बताया कि फॉरेंसिक जांच में इस्तेमाल होने वाले सभी सबूत सुरक्षित हैं और आगे की जांच जारी है।”

सरकार के निर्देश पर गठित की गई SIT की जांच भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य के रिसॉर्ट पर काम करने वाली रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की कथित हत्या के संबंध में की जा रही है। पीड़िता का शव उसके लापता होने के कुछ दिनों बाद ऋषिकेश के पास एक नहर से बरामद किया गया था। इस मामले में पीड़िता की मौत के बाद आसपास के इलाकों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे क्योंकि परिवार और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद प्रशासन ने रिसॉर्ट को ध्वस्त कर दिया था। फिर परिजनों ने सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया था।

इस मामले में AIIMS ऋषिकेश में किए गए एक प्रारंभिक पोस्टमार्टम में सामने आया था कि पीड़िता की मौत डूबने से हुई है। हालांकि, शरीर पर एंटीमॉर्टम चोट (मौत से पहले चोटों के निशान) पाई गई थीं। पहले परिवार ने फाइनल रिपोर्ट मिलने तक अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। हालांकि, बाद में राज्य सरकार के निष्पक्ष जांच के आश्वासन के बाद अलकनंदा के तट पर पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया गया था।