अंकित सक्सेना मर्डर केस में सजा की दलीलों पर सुनवाई 31 जनवरी तक स्थगित कर दी गई है। पांच साल पहले अंकित सक्सेना मर्डर केस ने पूरी दिल्ली को हिला कर रख दिया था। तीस हजारी कोर्ट अब 31 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगी और दोषियों को सजा सुनाएगी। दरअसल, फरवरी 2018 में फोटोग्राफर अंकित सक्सेना की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मामला अंतर-धार्मिक प्रेम संबंध का था।
31 जनवरी तक स्थगित हुई सुनवाई
कोर्ट ने इस मामले में तीन दोषियों की सजा पर दलीलों की सुनवाई 31 जनवरी तक स्थगित कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शर्मा ने 23 दिसंबर को सक्सेना की दोस्त शहजादी के माता-पिता अकबर अली और शहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम को मामले में दोषी करार दिया था।
असल में शहजादी के माता-पिता और मामा उसके इस प्रेम संबंध के खिलाफ थे। तीनों ने दिल्ली के खयाला इलाके में सक्सेना (23) पर चाकू से कई वार किये थे। तीनों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 34 (साझा मंशा के साथ कई लोगों द्वारा किया गया कृत्य) के तहत आरोपित किया गया था।
शहनाज बेगम को, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए भी दोषी ठहराया गया था। सोमवार को, अदालत ने मामले की सुनवाई 31 जनवरी के लिए निर्धारित करते हुए कहा कि कुछ हलफनामे दाखिल नहीं किए गए हैं।
क्या था पूरा मामला?
अंकित सक्सेना मर्डर का यह मामला 1 फरवरी, 2018 को हुआ था। उस दिन जब 23 साल के फोटोग्राफर अंकित सक्सेना को उसकी 20 वर्षीय प्रेमिका के परिवार ने पश्चिमी दिल्ली के ख्याला इलाके के रघुबीर नगर में सरेआम मार डाला था। इस मामले को लेकर पुलिस ने बयान देते हुए कहा था कि अंकित को काफी देर तक पीटा गया था। पुलिस ने यह भी कहा कि जब आरोपी अंकित के साथ बहस कर रहे थे अंकित के माता-पिता और दोस्त उसके बचाव में आए थे। हालांकि आरोपियों ने उसकी मां के साथ भी मारपीट की थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शर्मा ने इस मामले में लड़की के माता-पिता अकबर अली और शाहनाज बेगम और मामा मोहम्मद सलीम आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 34 के तहत दोषी ठहराया था।