Home Minister Amit Shah’s Security lapse during Mumbai Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। इस मामले में अब आंध्र प्रदेश के एक सांसद के निजी सचिव को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि, अमित शाह ने मुंबई के दो दिवसीय दौरे के दौरान सोमवार, 5 सितंबर को शहर के प्रमुख गणेश पंडाल लालबागचा राजा गए और वहां भगवान श्रीगणेश की पूजा अर्चना की थी।
सांसद के निजी सचिव पर आरोप है कि उसने खुद को गृह मंत्रालय से जुड़े एक सुरक्षा अधिकारी के रूप में पेश किया और दौरे के समय गृह मंत्री अमित शाह के करीब जाने की कोशिश की। आरोपी निजी सचिव की पहचान हेमंत पवार के रूप में हुई है। इस मामले में शिकायतकर्ता सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) नीलकांत पाटिल के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब वह सोमवार को गृह मंत्री शाह के दौरे के दौरान गिरगांव के आसपास पुलिस बंदोबस्त देख रहे थे।
ACP पाटिल के अनुसार, वह गृह मंत्री के काफिले के रास्ते में तैनात पुलिस कर्मियों की निगरानी कर रहे थे, जहां से गृह मंत्री शाह को होकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास पर जाना था। पाटिल ने शिकायत में कहा कि उन्होंने दोपहर करीब 12.15 बजे सफेद शर्ट और नीले रंग का ब्लेजर पहने हेमंत पवार को गृह मंत्री शाह के डिप्टी सीएम फडणवीस के आवास पर पहुंचने के बाद देखा।
एसीपी पाटिल ने बताया कि उसने (हेमंत पवार) गृह मंत्रालय का पहचान पत्र पहना था। इसके अलावा, वह उन क्षेत्रों में घूमता पाया गया जो कि प्रतिबंधित था। यहीं नहीं कुछ घंटों बाद ACP पाटिल ने हेमंत पवार को फिर से सीएम एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास के बाहर देखा। शिकायत में कहा गया है कि पूछताछ करने पर उसने दावा किया कि वह केंद्र सरकार की एजेंसी का सदस्य है।
इस पूरे वाकये के बाद जब गृह मंत्री शाह दिल्ली के लिए रवाना हो गए तो सीआरपीएफ ने जोनल डीसीपी से संपर्क किया और हेमंत पवार के बारे में पूछताछ की। इसके बाद, जोनल डीसीपी ने एसीपी पाटिल को हेमंत पवार की तस्वीर भेजी, जिन्होंने कहा था कि हेमंत पवार को एकनाथ शिंदे और फडणवीस के आवास के बाहर देखा गया था।
इस मामले में जानकारी जुटाने के बाद धरपकड़ शुरू की गई और मंगलवार को हेमंत पवार को ग्रांट रोड के नाना चौक से उठा लिया गया। पुलिस ने कहा है कि हेमंत पवार को आईपीसी की धारा 170 (लोक सेवक अधिकारी के रूप में पेश करना) और 171 (धोखाधड़ी के इरादे से लोक सेवक की तरह पहचान पत्र पहनना) के तहत गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद पवार को गिरिगांव कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज गया था।