ब‍िहार में जनवरी से अगस्‍त 2022 के बीच हत्‍या के 2052 मामले दर्ज हो चुके हैं। यान‍ि, औसतन रोज आठ मर्डर। National Crime Records Bureau (NCRB) के मुताब‍िक 2021 में हत्‍या के मामले में ब‍िहार देश में दूसरे नंबर पर था। बीते साल मर्डर केस में ब‍िहार (2799) से आगे केवल उत्‍तर प्रदेश (3825) ही था। हत्‍या के प्रयास (attempt to murder) के ब‍िहार में 8393 मामले दर्ज हुए, जो पश्‍च‍िम बंगाल (13,351) के बाद सबसे ज्‍यादा था। पुल‍िस और सरकारी अफसरों पर हमलों के मामले (150) में भी ब‍िहार अव्‍वल रहा।

आंकड़े का सच बयां करती एक घटना

ये आंकड़े बताते हैं क‍ि ब‍िहार में अपराध‍ियों के हौंसले बुलंद हैं। अपराध बढ़ रहे हैं। पुल‍िस में जनता का भरोसा घट रहा है। इन आंकड़ों का सच हाल की एक घटना से भी समझा जा सकता है।

एक घटना ब‍िहार के भागलुपर ज‍िले के सुलतानगंज थाना क्षेत्र की है। 22 दिसंबर की दोपहर जमीन खरीद-ब‍िक्री के कारोबार से जुड़ा अम‍ित कुमार (40 साल) अपने पार्टनर अव‍िनाश मंडल के बुलाने पर घर से न‍िकला। फ‍िर वापस नहीं लौटा। घर वालों ने खोज शुरू की तो उसकी कार घर से करीब दस क‍िलोमीटर दूर लावार‍िस म‍िली।

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अम‍ित कुमार झा की फाइल फोटो। हत्या होने का दावा करने वाली पुलिस अभी तक अमित का शव बरामद नहीं कर सकी है।

पुल‍िस ने क‍िया हत्‍या का दावा, शव का पता नहीं

23 द‍िसंबर को पुल‍िस में श‍िकायत दी गई। कॉल ड‍िटेल र‍िपोर्ट के आधार पर 24 द‍िसंबर को पुल‍िस ने अव‍िनाश मंडल को पकड़ा। उससे पूछताछ के बाद 26 नवंबर को पुल‍िस ने ऐलान कर द‍िया क‍ि 22 नवंबर की शाम को ही अव‍िनाश के सामने अम‍ित की हत्‍या कर दी गई थी और अव‍िनाश शव को ठ‍िकाने लगाने के ल‍िए भाड़े के हत्‍यारे के पास छोड़ कर लौट गया था।

भागलपुर के एसपी बाबूराम ने बताया क‍ि हत्‍या जमीन के ल‍िए अव‍िनाश को द‍िए गए पैसे हजम करने के मकसद से की गई थी और इसके ल‍िए पांच लाख रुपए की सुपारी दी गई। तब से अब तक पुल‍िस अम‍ित का शव बरामद नहीं कर पाई है।

जमीन से जुड़े व‍िवाद ब‍िहार में सबसे ज्‍यादा

एनसीआरबी (NCRB) के ताजा आंकड़ों के मुताबि‍क जमीन व‍िवाद से जुड़े सबसे ज्‍यादा अपराध ब‍िहार में ही होते हैं। 2021 में जमीन से जुड़े विवाद के मामले में देश भर में सबसे ज्‍यादा ब‍िहार में ही (3336) आए। इस व‍िवाद के चलते हत्‍याएं भी खूब होती हैं। नीचे टेबल में देखें ब‍िहार पुल‍िस द्वारा राज्‍य में जनवरी से अगस्‍त (2022) के बीच हुई अपराधों के आंकड़े:

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बिहार पुल‍िस द्वारा राज्‍य में साल 2022 में हुए अपराधों का यह आंकड़ा जारी क‍िया गया है।

अथक संघर्ष के बाद घरवालों ने छोड़ी उम्‍मीद

अम‍ित के चार मासूम बच्‍चे हैं और प‍िता बुजुर्ग हैं। परिवार और स्‍थानीय लोग लगातार जहां खुद अम‍ित की तलाश में खाक छान रहे हैं, वहीं शांत‍िपूर्ण तरीके से पुल‍िस पर दबाव बनाने के ल‍िए आंदोलन भी करते रहे हैं। उन्‍होंने शांत‍िपूर्वक सड़क जाम क‍िया, कैंडल मार्च निकाला, बाजार बंद करवाया। लेक‍िन अब उनकी ह‍िम्‍मत भी जवाब दे रही है।

अम‍ित का जब पांच द‍िन तक कुछ पता नहीं चला तो पर‍िजनों व ग्रामीणों ने शांत‍िपूर्ण तरीके से सड़क जाम कर पुल‍िस की सुस्‍त कार्रवाई पर रोष जताया।

पर‍िवार वालों का कहना है क‍ि अपनी ओर से अम‍ित की तलाश के ल‍िए ज‍ितनी कोश‍िश कर सकते थे, कर ली। अब पुल‍िस की कार्रवाई का नतीजा आने का इंतजार करने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं है।

पुल‍िस की नाकामी बढ़ा रही पर‍िवार की नाउम्‍मीदी

शव की बरामदगी को लेकर पुल‍िस क्‍या कर रही है और उसके नतीजे कैसे म‍िल रहे हैं, इस बारे में वह कुछ नहीं बता रही। ज‍िले के एसपी बाबूराम से इस बारे में सवाल पूछा गया, लेक‍िन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया। सुल्‍तानगंज के थानाध्‍यक्ष लाल बहादुर ने Jansatta.com को बताया क‍ि शव की तलाश के ल‍िए हर संभव कोश‍िश की जा रही है और बरामद होने तक कोश‍िश जारी रहेगी।

करीब दस द‍िन बाद भी पुल‍िस उस अपराधी तक नहीं पहुंच सकी है, ज‍िसे बकौल एसपी पांच लाख रुपए लेकर हत्‍या और शव ठ‍िकाने लगाने का काम सौंपा गया। पुल‍िस भी मानती है क‍ि अब शव बरामदगी की ठोस उम्‍मीद उसी की गिरफ्तारी से जुड़ी है। लेक‍िन, पुल‍िस की नाकामी पर‍िवार की नाउम्‍मीदी बढ़ा रही है।

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पुलिस-प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए एक द‍िसंबर को स्‍थानीय सुल्‍तानगंज बाजार बंद कराते अम‍ित के पर‍िजन।

आंकड़े भी बता रहे पुल‍िस की ढ‍िलाई

पुल‍िस की ढ‍िलाई आंकड़ों में भी दिखाई देती है। एनसीआरबी (NCRB) की र‍िपोर्ट बताती है क‍ि 2021 में ब‍िहार में आईपीसी के तहत दर्ज मामलों में से केवल 29 प्रतिशत में ही आरोप‍ियों को सजा हो पाई।