Aligarh Saas Damad Love: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के सास-दामाद की लव स्टोरी ने सभी को चौंका दिया। देशभर के लोगों ने इस घटना के सामने आने के बाद हैरानी व्यक्त की। हालांकि, दुनिया और समाज की चिंता से परे सपना अपने होने वाले 25 साल के दामाद राहुल के साथ रहने की रट लगाए बैठी है। दामाद राहुल भी उनकी हां में हां मिला रहा है। काउंसिलर और परिवार वालों की समझाइश के बावजूद दोनों साथ रहने की बात कह रहे।

पीड़ित पति के पास कौन-से विकल्प?

इस सब के बीच एक सवाल ये उठता है कि क्या इस अजीबोगरीब रिश्ते का कोई कानूनी आधार है? वहीं, सपना के पति के पास पूरे मामले में क्या कानूनी विकल्प है? क्या वो अब तक हैपी एंडिग लग रही लव स्टोरी में अड़चन डाल सकता है? आइये जानते हैं इन सभी सवालों के जवाब।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार कानूनी तौर पर पति जितेंद्र के पास ऐसा कोई विकल्प नहीं है कि वो सपना को वापस ले आए। न्यूज आउटलेट ने वकीलों के हवाले से लिखा कि चूंकि दोनों बालिग हैं ऐसे में उनका अधिकार है कि वो यह निर्णय ले सकते हैं कि उन्हें क्या करना है।

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हालांकि, जितेंद्र व्यभिचार (Adultery) के आधार पर तलाक ले सकता है। जोसेफ शाइन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (2018) में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, व्यभिचार अब भारत में एक आपराधिक अपराध नहीं है। वर्तमान स्थिति में यह आईपीसी की धारा 497 के तहत दंडनीय नहीं है। लेकिन, यह अभी भी तलाक का आधार हो सकता है।

व्यभिचार के आधार पर तलाक का प्रावधान

बता दें कि व्यभिचार एक ऐसी स्थिति है जिसमें विवाहित व्यक्ति का अपने पति या पत्नी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाता है या विवाहोत्तर संबंध रखता है। इस मामले में पीड़ित हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1)(i), विशेष, विवाह अधिनियम, 1954 की धारा 27(1)(a), भारतीय तलाक अधिनियम (ईसाइयों के लिए) की धारा 10 और मुस्लिम कानून – व्यभिचार व्यक्तिगत कानूनों के तहत तलाक के लिए एक वैध आधार बताते हुए आवेदन कर सकता है।

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मामले में जितेंद्र और उनकी बेटी ने सपना पर चोरी का आरोप भी लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि वे घर से गहने और नकद लेकर फरार हो गए हैं। ऐसे में आईपीसी की धारा 378 के तहत उनके खिलाफ चोरी का मुकदमा चल सकता है। चूंकि दोनों सास-दामाद कथित तौर पर धोखे से सारा सामन लेकर फरार हुए हैं, ऐसे में आईपीसी धारा 405 और 406 जो आपराधिक विश्वासघात को डिफाइन करता है के तहत भी दोनों के खिलाफ एक्शन हो सकता है।

चूंकि, ये मामला पति-पत्नी से जुड़ा हुआ है इसलिए इन मामलों में भारतीय अदालतें सतर्क रहती हैं। वो हर पहलू की गहनता से विश्लेषन के बाद ही कोई फैसला सुनाती है। ऐसे कुल मिलाकर जितेंद्र के पास दो ही विकल्प हैं, पहला – वो चोरी के मामले में कार्रवाई की मांग करे, दूसरा – व्यभिचार को आधार बताकर तलाक ले ले।