फिल्म निर्देशक अविनाश दास के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दास पर कथित तौर पर झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की एक पुरानी तस्वीर साझा कर भ्रम फैलाने और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के लिए मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में अब अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की एक टीम को अविनाश दास को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई भेजा गया है।

अहमदाबाद क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज किए गए मामले में जानकारी देते हुए एक जांच अधिकारी ने कहा कि अहमदाबाद सत्र अदालत द्वारा 7 जून को मुंबई के फिल्म निर्देशक अविनाश दास को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसी क्रम में अहमदाबाद अपराध शाखा की एक टीम फिल्म निर्देशक को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई भेजी गई है।

अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने बीते 14 मई को अविनाश दास के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अविनाश दास ने 8 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पूजा सिंघल की एक पुरानी तस्वीर साझा की थी। यह तस्वीर साल 2017 में रांची के एक सार्वजनिक कार्यक्रम की थी। दास पर आरोप है कि उन्होंने गृह मंत्री की छवि को धूमिल करने और लोगों को भ्रामक जानकारी देने का प्रयास किया था। इसके अलावा, दास पर अपने फेसबुक अकाउंट पर तिरंगा पहने एक महिला की मॉर्फ्ड तस्वीर साझा करके राष्ट्रीय ध्वज का कथित रूप से अपमान करने का भी मामला दर्ज किया गया था।

इस मामले में अविनाश दास पर आईपीसी की धारा 469 (जालसाजी), आईटी अधिनियम की धारा 67 और राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी। बीते दिनों अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिलीप कुमार ठक्कर ने अग्रिम जमानत से इनकार करते हुए कहा था कि, तिरंगे में लिपटी एक नग्न महिला की तस्वीर अपलोड करना दास की ‘मानसिक विकृति’ दिखाता है और इस कारण भारतीय संस्कृति का अपमान हुआ और लोगों में नफरत की भावना पैदा हुई।

अदालत ने यह भी कहा कि यदि दास को अग्रिम जमानत दी जाती है, तो इससे देश में साइबर अपराध में तेजी आएगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान के मामलों को प्रोत्साहन भी मिलेगा। अदालत ने आगे कहा कि एक फिल्म निर्देशक के रूप में यह दास का “देश की गरिमा बनाए रखना और राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ भारत के माननीय गृह मंत्री अमित शाह का सम्मान करना” का प्रमुख कर्तव्य है लेकिन फिर भी उन्होंने फोटो को “जानबूझकर अपलोड” किया था।

डीसीबी के पुलिस निरीक्षक और जांच अधिकारी एचबी सिसरा ने कहा, दास पहले ही अपने सोशल मीडिया से पोस्ट हटा चुके हैं। हालांकि, हमने इन पोस्ट को सुरक्षित रखने के लिए फेसबुक और ट्विटर को भी जानकारी दी थी। सत्र अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद हमने दास को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई के मलाड में एक टीम भेजी है। हमारी टीमें इससे पहले दो बार उनके आवास पर जा चुकी थीं, लेकिन उस समय वह उपलब्ध नहीं थे।