राजनीतिक शतरंज का प्यादा विकास दुबे पुलिस मुठभेड़ में कानपुर में मारा गया। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस उसे पूरी सुरक्षा में मुख्यालय लेकर आ रही थी, लेकिन वाहन के अनियंत्रित होकर पलटने से साथ में बैठे घायल सिपाही की पिस्तौल लेकर भागने की कोशिश के दौरान हुई मुठभेड़ में विकास मारा गया। जनता इस बात से खुश है कि विकास दुबे को मार कर पुलिस ने उचित कदम उठाया है। लेकिन जिस तरह से मुठभेड़ को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वह गंभीर बात है।

अगर विकास दुबे को जिंदा मुख्यालय ले जाकर उससे कड़ाई से पूछताछ की जाती तो कई सियासी नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की कलई खुलनी निश्चित थी। ऐसा विकास ने खुद कहा भी था कि अगर मैंने मुंह खोला तो कई पार्टियों के नेता पिंजरे में होंगे। इसलिए पुलिस मुठभेड़ की घटना संदेह पैदा करती है कि कहीं मुंह खोलने के पहले ही तो उसे खत्म नहीं कर दिया गया।

लोगों को उम्मीद थी कि विकास के पकड़े जाने के बाद अपराधियों और नेताओं के गठजोड़ का खुलासा होगा। लेकिन अब सच सामने नहीं आ पाएगा। पुलिस का मुख्य कार्य ही है अपराध को खत्म करके राज्य मे शांति व्यवस्था को बनाये रखना। लेकिन वर्तमान मे यह एक चलन हो गया है कि पुलिस ने अपराधी को मुठभेड़ मे मार गिराया। हम सब इस बात को लेकर क्षणिक रूप से प्रसन्नता से गद्-गद् हो रहे हैं और इसका जश्न मना रहे हैं, लेकिन वास्तव में यह हमारी एक लंबी हार है।

अगर पुलिस ने जनता की भावनाओं के अनुसार राज्य में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया और इसी तरह मुठभेड़ें करके फैसले करती रही तो सोचिए क्या कभी इनका मुखिया पकड़ा जा सकेगा, जिससे ऐसे अपराधों की जड़ समूल नष्ट हो सके!
’आकाश वर्मा, लखीमपुर खीरी (उप्र)

दफन हुए राज
विकास दुबे की जिस तरह से मुठभेड़ हुई, उससे तो सवाल उठने स्वाभाविक ही हैं। एक सवाल यह भी है कि जब विकास दुबे को भागना ही होता तो वह आत्मसमर्पण क्यों करता? अगर विकास दुबे ने इतनी सुरक्षा के बीच से भागने की कोशिश की तो सवाल पुलिस की पकड़ पर भी हैं। मुठभेड़ और विकास की मौत से किसी को कोई दुख नहीं है, लेकिन सबका मानना यही है कि इस फिल्मी अंदाज के मुठभेड़ के कारण कई ऐसे राज थे जो विकास दुबे के साथ ही चले गए।
’अमन माहेश्वरी, दिल्ली</p>

किसी भी मुद्दे या लेख पर अपनी राय हमें भेजें। हमारा पता है : ए-8, सेक्टर-7, नोएडा 201301, जिला : गौतमबुद्धनगर, उत्तर प्रदेश</strong>
आप चाहें तो अपनी बात ईमेल के जरिए भी हम तक पहुंचा सकते हैं। आइडी है : chaupal.jansatta@expressindia.com