आज हम जितने भी सफल व्यक्तियों के बारे में बात करते हैं, उसे सोच कर यही लगता है कि उनके ‘किस्मत’ में सफल होना लिखा था। शायद ही किसी ने यह जानने का प्रयास किया होता है कि आखिर सफलता के मुकाम तक पहुंचे कैसे? कुदरत की नजर में कोई ऊंचा-नीचा, बड़ा-छोटा नहीं होता। अंतर सिर्फ इतना होता है कि किसने अपने लक्ष्य को प्राप्त किया, किसने समय के महत्त्व का सही मायनों में सदुपयोग किया और किसने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस सुनहरे पल को कुछ कर दिखाने के जुनून में बदला।
हर व्यक्ति की जिंदगी में संघर्ष लाजिमी होता है।

जिस व्यक्ति ने जीवन में आए संघर्षों को अपना लिया और उसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया, वही असल मायने में सफल व्यक्ति है। समय हमेशा चलता रहता हैं। कभी आगे-पीछे नहीं होता। जिसने सही मायने में समय को पहचान लिया, वही आगे चल कर इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपनी पहचान लोगों के दिलों में छोड़ जाते हैं। कहते हैं कि जिंदगी हमें बहुत कुछ सिखा जाती है। जिसने समझ लिया वह ठीक, न समझे तो भी ठीक।
’सृष्टि मौर्य, फरीदाबाद, हरियाणा

महंगाई की मार

जब भी महंगाई की बात आती है तो आलू-प्याज या फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों का हवाला दिया जाता है। लेकिन वास्तविकता इससे ज्यादा तकलीफदेह है। आज हम बाजार पर नजर डालें तो पाएंगे कि रोजमर्रा की सभी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं, जैसे आटा, दाल, रिफाइंड, चायपत्ती कपड़ा सरिया सीमेंट आदि। सभी जरूरतमंद वस्तुओं की कीमत में पंद्रह से बीस फीसदी तेजी आई है। आम आदमी महंगाई की वजह से परेशान हैं।

बाजार खाली पड़े हैं, बेरोजगारी बढ़ रही है, मजदूर वर्ग और मध्यम वर्ग की आय नहीं बढ़ रही। कल जो लोग विपक्ष में रहते हुए महंगाई का रोना रोते रहते थे, आज वही लोग महंगाई के साथ खड़े हैं, क्योंकि आज वे सत्ता में हैं। कल भी महंगाई का कोई हल नहीं निकल रहा था, आज भी कोई हल नहीं निकल रहा। परिवार चलाना मुश्किल हो गया है, लेकिन सरकार सो रही है।
’चरनजीत अरोड़ा, नरेला, दिल्ली</p>