इसके बाद निरंतर इस गंभीर समस्या पर चर्चा होती रही। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार धूम्रपान की वजह से हर साल दुनिया भर में लगभग साठ लाख लोग मारे जाते हैं। दुनिया के करीब 125 देशों में तंबाकू का उत्पादन होता है। इसके समांतर हर साल करीब 5.5 खरब सिगरेट का उत्पादन होता है और एक अरब से ज्यादा लोग इसका सेवन करते हैं। दुनिया भर में अस्सी फीसदी पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं। कुछ देशों में महिलाओं में भी धूम्रपान की आदत काफी बढ़ी है।

अफसोस की बात है कि दुनियाभर में धूम्रपान करने वाले लोगों में से दस फीसदी लोग भारत के हैं। भारत में लगभग दस अरब सिगरेट और बहत्तर करोड़ पचास लाख किलो तंबाकू का उत्पादन होता है। भारत तंबाकू निर्यात करने वाले देशों में विश्व में छठे स्थान पर है। हर साल लगभग आठ हजार बच्चों की मौत अभिभावकों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के कारण होती है।

किसी भी तरह का धूम्रपान नब्बे फीसद से अधिक फेफड़ों के कैंसर और जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है। इतने हानिकारक प्रभावों के बावजूद भी भारत में तंबाकू, गुटखा, सिगरेट की खपत तेजी से बढ़ रही है। तंबाकू, सिगरेट का यह नशा हमारी युवा पीढ़ी को अपनी चपेट में ले चुका है। इस जानलेवा नशे पर समय रहते रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है। वरना यह जानलेवा धूम्रपान न जाने अन्य कितने लोगों की मौत का कारण बनेगा।
’कोमल, कालिंदी महाविद्यालय, दिल्ली</p>