यों समय-समय पर पाकिस्तान पर आतंकवादियों को संरक्षण देने के तमाम आरोप लगते रहे हैं। पाकिस्तान में पनप रही आतंकवाद की फैक्ट्री का समय-समय पर विरोध हुआ है, लेकिन इस मसले पर पाकिस्तान ने शायद ही दुनिया की शिकायतों को गंभीरता से लिया।

सत्ताईस वर्ष से दाऊद इब्राहिम की तलाश कर रही विभिन्न जांच एजेंसियों को इस बात का अंदाजा पहले ही था कि उसने पाकिस्तान में शरण लिया हुआ है। अब पहले तो हड़बड़ी में उसने कबूला कि दाऊद पाकिस्तान में है, फिर मुकर गया। यही पाकिस्तान का असली चेहरा है।

जरूरत इस बात ही है कि पाकिस्तान न केवल दाऊद को भारत को सौंपे, बल्कि आतंकवाद के खात्मे की लड़ाई में भारत का साथ दे। इससे भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी अमन-चैन कायम हो सकेगा।
’विजय कुमार धनिया, नई दिल्ली</p>