भारत के लिए बीते मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब देश के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक दिन में नौ न्यायधीशों ने शपथ ग्रहण किया। उन सभी को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने सदस्यता दिलाई। अब न्यायाधीशों की कुल संख्या बढ़ कर तैंतीस हो गई है। उच्चतम न्यायालय में जजों के कुल पदों की संख्या चौंतीस है, जिसमें अब सिर्फ एक पद रिक्त है। सभी रिक्त पदों भरने के कारण अब काम करने में आसान होगा। पहले से लंबित मामलों का भी निपटारा जल्द किया जा सकेगा।

इस मामले में सबसे खास बात यह रही कि शपथ ग्रहण किए नौ न्यायाधीशों में महिलाएं भी शामिल है। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब सर्वोच्च न्यायालय में चार महिलाएं न्यायाधीश के तौर पर एक साथ काम करेंगी। जैसे ही बीवी नागरत्ना ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय की सदस्यता ली, वैसे ही आने वाले दिनों में भारत के मुख्य न्यायाधीश एक महिला के बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। वे अब 2027 में सर्वोच्च न्यायालय में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनेंगी। भले ही उनका कार्यकाल महज छत्तीस दिनों का ही होगा, लेकिन यह देश को गौरवान्वित करने वाला क्षण होगा। बीवी नागरत्ना पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश थीं। स्त्री सशक्तिकरण की दिशा में इसे भी एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव के रूप में दर्ज किया जाएगा।
’शशांक शेखर, आइएमएस, नोएडा, उप्र

प्रदूषित हवा

कोरोना के बढ़ते कहर के साथ और भी कई परेशानियों ने जन्म लिया है, जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर दिख रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार देश के मेट्रोपॉलिटन सिटी इससे अधिक प्रभावित हैं। तेजी से बढ़ रही समस्या ने लोगों की दिनचर्या को भी बाधित किया है। दरअसल, स्वच्छ हवा में सांस लेना मनुष्य की ऐसी प्राथमिक आवश्यकता है जिसके साथ समझौता नहीं किया जा सकता। बढ़ रहा वायु प्रदूषण न केवल हमारे लिए, बल्कि पशु और पौधों के लिए भी हानिकारक है। ऐसे में हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम ऐसे प्रदूषित हवा के हालात को बनने से रोक सकें।
’निशा कश्यप, दिल्ली</p>