अशोक सेकसरिया पर मेरे लिखे स्मृति-लेख (जनसत्ता, पेज 7, 1 दिसंबर) में छपा है: ‘‘पत्रकारिता में उनका सबसे अच्छा समय दो जगह बीता, ‘जन’ में ओमप्रकाश दीपक के संपादन में काम करते हुए और पटना में ‘चौरंगी वार्ता’ का संपादन करते हुए।’’ चौरंगी वार्ता की जगह ‘सामयिक वार्ता’ होना चाहिए था। इस त्रुटि के लिए मुझे खेद है।

’राजकिशोर, मयूरकुंज, दिल्ली

 

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