केंद्र सरकार के मंत्री को जिम्मेवार मान कर हम कहीं भूल तो नहीं कर रहे हैं? अगर नहीं कर रहे हैं तो परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार केंद्र सरकार सभी देशवासियों की नहीं है! हालांकि उन्होंने हूबहू यही शब्द नहीं कहे, पर जो कहा उसका मतलब तो यही है। गडकरीजी ने कहा कि ‘केंद्र में सरकार रामभक्तों की है’ क्या जो रामभक्त नहीं हैं यह सरकार उनकी नहीं है? क्या यह भी हमारी भूल तो नहीं कि हम सब देशवासी केंद्र सरकार को अपनी सरकार मान रहे हैं? अगर यह भूल नहीं है तो क्या मंत्रीजी गैर-जिम्मेवार हैं?
अगर मंत्रीजी गलत नहीं हैं, तो बताया जाए कि इस देश में करोड़ों लोग जो रामभक्त नहीं हैं उनकी सरकार है या नहीं? मुसलमानों, ईसाइयों, बौद्धों, पारसियों, जैनियों, सिखों, सहित अन्य जो हिंदू नहीं हैं और जो नास्तिक हैं वे सब मिला कर देखें तो यह व्यापक समुदाय देश का बहुसंख्यक समुदाय है। क्या केवल इकतीस प्रतिशत वोट पाकर बनी सरकार एक तरह से अल्पमत की सरकार तो नहीं है? इस देश के बहुसंख्यक जो रामभक्त नहीं हैं उनका क्या करने वाली है यह ‘रामभक्तों की सरकार’ बता देते मंत्रीजी तो कृपा होती!
श्याम बोहरे, बावड़ियाकलां, भोपाल
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