धर्मांतरण पर मचे बवाल के संदर्भ में मेरा सवाल है कि जब हम धर्म-परिवर्तन कर सकते हैं तो जाति-परिवर्तन क्यों नहीं? हो सके तो ईसाइयों और मुसलमानों को हिंदू बनाने से पहले सारे हिंदुओं का जाति-परिवर्तन कर उन्हें एक ही जाति में ले आइए। कोई क्यों रहे अगड़ा, पिछड़ा, दलित या महादलित?

इसलिए हे हिंदू-हृदय सम्राटो, आप क्रिसमस या ईद पर मुसलमानों और ईसाइयों को हिंदू बनाने का खयाल छोड़िए। पहले रामनवमी, जन्माष्टमी, महाशिवरात्रि, दुर्गा पूजा, दशहरा, सरस्वती पूजा, गणपति उत्सव, होली, दिवाली- तमाम पर्व-त्योहारों पर ‘जातियां तोड़ने’ और सब जातियों को जोड़ने के कार्यक्रम आयोजित कीजिए। एक धर्म, एक जाति तो बनाइए। सब साथ हों तो सब बढ़ेंगे, हम सब विकास करेंगे।

किसलय राज, लक्ष्मी नगर, नई दिल्ली</strong>

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