जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए भाजपा और पीडीपी ने हालांकि कई बिंदुओं पर अपने रुख को नरम कर लिया है मगर दो-तीन मुद्दों पर अब भी अड़ी हुई हैं। भाजपा के लिए यह कठिन परीक्षा का समय है। अपनी रीति-नीति और उसूलों पर डटे रहने पर ही उसका भविष्य टिका हुआ है।

इधर, जम्मू में कश्मीरी पंडितों की संस्था ‘पनुन कश्मीर’ ने बयान जारी कर पीडीपी/भाजपा के गठबंधन को पंडितों के हितों के विरुद्ध बताया है। उसके मुताबिक इस गठबंधन से एक बार फिर वादी में पृथकतावादी ताकतों को फलने-फूलने का अवसर मिलेगा।

सत्ता के मोह में न उलझते हुए भाजपा धारा 370, अफस्पा, विस्थापितों आदि से जुड़े मुद्दों पर अपने पक्ष को जितनी मजबूती के साथ सामने रखेगी और उन पर डटी रहेगी, उतनी ही तेजी और मजबूती के साथ पूरे देश में उसकी साख भी गति पकड़ेगी। वरना दिल्ली के चुनाव परिणामों से उसकी मजबूती और लोकप्रियता पर प्रश्नचिह्न तो लगा ही है।
शिबन कृष्ण रैणा, अलवर

 

फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करें- https://www.facebook.com/Jansatta

ट्विटर पेज पर फॉलो करने के लिए क्लिक करें- https://twitter.com/Jansatta