मुशर्रफ करगिल युद्ध को बांग्लादेश बनाने में भारत की भूमिका का जवाब मानते हैं। हर मोर्चे पर ‘जैसे को तैसा’ की नीति में विश्वास करने वाले मुशर्रफ को करगिल युद्ध से क्या फायदा हुआ, ये तो वे ही जानें, लेकिन इससे होने वाले नुकसान के बारे में सारी दुनिया जानती है। आजादी के बाद से भारत और पाकिस्तान की प्रगति यात्रा की तुलना की जाए तो मुशर्रफ को असलियत का पता चल जाएगा। दोनों देशों की अर्थव्यवस्था की तुलना कर ली जाए या फिर साक्षरता या विकास दर की, पाकिस्तान कहीं नहीं नजर आता। आज जहां दुनिया के तमाम देश भारत के साथ संबंध बढ़ाने को उत्सुक नजर आ रहे हैं, वहीं पाकिस्तान का साथ उसके गिने-चुने सहयोगी भी छोड़ते जा रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इसके बारे में पाकिस्तान को विचार करना होगा।
पाकिस्तान और उसके शासकों को जंग लड़ने का इतना ही शौक है तो उन्हें यह जंग गरीबी, भुखमरी और बेरोजगारी के खिलाफ लड़नी चाहिए ताकि पाकिस्तान का कुछ भला हो सके। पाकिस्तान आज गृहयुद्ध के जिस दौर से गुजर रहा है वह उसके भविष्य के लिए आत्मघाती साबित हो सकता।
मंदीप यादव, खैरथल, अलवर
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