कुछ दिन पहले तक बहुराष्ट्रीय कंपनी के साबुन के एक विज्ञापन में अपनी स्वच्छ छवि बेचने वाली किरण बेदी औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गर्इं और उन्हें भाजपा ने दिल्ली विधानसभा का न केवल टिकट दिया बल्कि अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। उनके भाजपा में शामिल होते ही अटकलों का बाजार गर्म हो गया है और हर ओर किरण बनाम केजरीवाल बहस चल रही है। इसी बीच केजरीवाल ने किरणजी को ‘डिबेट’ के लिए आमंत्रण दे डाला जिस पर किरणजी ने बड़ी शाइस्तगी से जवाब दिया कि बहस विधानसभा में करेंगे और वे ‘डिबेट’ में नहीं ‘डिलेवरी’ में विश्वास रखती हैं।

केजरीवाल के इस विनम्र आमंत्रण पर किरणजी के साथ-साथ पूरी भाजपा टूट पड़ी और उसके हर प्रवक्ता ने ऐसी प्रतिक्रिया जाहिर की जैसे केजरीवाल ने कुछ बहुत अनुचित मांग लिया हो और बहस करना संवैधानिक रूप से दंडनीय अपराध हो। वैसे यह कोई पहली बार नहीं है जब केजरीवाल ने किसी नेता को बहस के लिए आमंत्रण दिया हो और इसमें भी कोई अचरज नहीं होना चाहिए कि इस बार भी इस आमंत्रण का वही निष्कर्ष हो जो पहले हुआ है। पर इस घटनाक्रम पर इतना तो कहा ही जा सकता है कि बहस किसी भी स्वस्थ लोकतंत्र की आधारशिला है और इससे भागने के बजाय इसे सकारात्मक और रचनात्मक रूप में लेना चाहिए। वैसे किरणजी और उनकी पार्टी विधानसभा के भीतर भी बहस में कितना विश्वास रखती हैं यह तो इसी बात से जाहिर है कि पिछले सात महीने में जब से मोदीजी ने सत्ता संभाली है उनकी सरकार आठ अध्यादेश ला चुकी है। जो काम लोकसभा और राज्यसभा में बहस के द्वारा होना चाहिए वह काम अध्यादेशों के जरिए हो रहा है। इस मामले में कांग्रेस नीत यूपीए सरकार का रिकार्ड भी कुछ ऐसा ही था जो पांच सालों में पच्चीस अध्याधेश लाई थी।

अब मोदी सरकार ने सात महीने में आठ अध्यादेश लाकर पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए। यह सरकार न केवल यूपीए सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ा रही है बल्कि उसकी बुरी प्रथाओं को भी बल दे रही है। और रही बात ‘डिलेवरी’ की तो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतों के रसातल में जाने के बाद भी हमारे यहां पेट्रोल और डीजल के दामों में मामूली कमी आई है जिसके कारण खाद्य वस्तुओं और अन्य आवश्यक चीजों के दाम ज्यों के त्यों बने हुए हैं और आम आदमी आज भी ‘अच्छे दिनों’ के इंतजार में नजरें बिछाए बैठा है।
विपुल प्रकर्ष, इलाहाबाद

 

फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करें- https://www.facebook.com/Jansatta

ट्विटर पेज पर फॉलो करने के लिए क्लिक करें- https://twitter.com/Jansatta