इन दिनों कुछ लोग आम आदमी पार्टी की इसलिए आलोचना कर रहे हैं कि इसके प्रत्याशी संपत्ति के मामले में दूसरी पार्टियों के प्रत्याशियों से पीछे नहीं हैं। उनके मुताबिक गरीबों के दर्द को समझने का दावा करने वाली इस पार्टी के कई नेताओं की संपत्ति करोड़ों में है।

आम लोगों और गरीबों की पार्टी होने का यह मतलब तो कतई नहीं हो सकता कि उसमें सब कंगाल ही हों। किसी उम्मीदवार के करोड़पति होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। अलबत्ता इस बात से फर्क जरूर पड़ता है कि वह करोड़पति बना कैसे? इस बात की जांच मतदाता को ही करनी होगी।
सचिन महरोत्रा, काशीपुर

 

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