रघुराम राजन ने भारतीय रिजर्व बैंक के सभी सदस्यों को चिट्ठी लिखी है। हालांकि उनका कार्यकाल अभी सितंबर तक है, लेकिन उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर कुछ टिप्पणियों की वजह से उन्हें साफ करना पड़ा कि वे भारतीय रिजर्व बैंक छोड़ रहे हैं। उन्होंने अपने पत्र में सभी साथियों को धन्यवाद देते हुए भारत की संभावनाओं को दर्शाया है।

रघुराम राजन के दूसरे कार्यकाल की मनाही करते ही सेंसेक्स धड़ाम से गिर गया। विश्व के शीर्ष चिंतकों और विशेषज्ञों ने उन्हें श्रेष्ठ अर्थशास्त्री बताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के साथ बने रहने को महत्त्वपूर्ण बताया है। वैसे राजन के दूसरे कार्यकाल में बने रहने की अटकलों में उतना दम नहीं था, लेकिन सत्ताधारी दल के वरिष्ठ नेता ने उन्हें लेकर सवाल उठाए और महत्त्वहीन बातें करनी शुरू कर दीं तो राजन ज्यादा दिनों तक चुप नहीं रह सके। दुखद यह रहा कि इस ओछी बयानबाजी पर प्रधानमंत्री सहित शीर्ष नेता चुप्पी साधे रहे और मामला तूल पकड़ता गया। और इस तरह हमने एक बेहतर अर्थशास्त्री को खो दिया।

रघुराम राजन स्वाभिमानी व्यक्तित्व हैं। उनकी काबिलियत का दुनिया लोहा मानती है। वे जहां भी जाएंगे अपनी प्रतिभा के दम पर चमकते रहेंगे। उन्होंने अपने पत्र के आखिर में अपनी भविष्य की योजना के बारे में लिखा है कि वे फिर से अपने अकादमिक जगत में लौट जाएंगे और जब भी भारत को उनकी जरूरत होगी वे उपलब्ध रहेंगे। रघुराम राजन हमेशा जनता के बीच अपने निर्णयों के लिए सम्मानित रूप में जाने जाते रहे। छात्रों के बीच अपनी बेबाक सीखों के लिए हमेशा लोकप्रिय रहेंगे।

विनय कुमार, लखनऊ</strong>