एक माह में दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में चूक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सिलाव में मुख्यमंत्री की संवाद यात्रा के दौरान उनसे कुछ दूरी पर ही एक युवक ने पटाखा फोड़ा। सभा स्थल पर भगदड़ मच गई थी। यह सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करता है। सत्रह दिन पहले ही मुख्यमंत्री अपने पुराने लोकसभा क्षेत्र बाढ़ के दौरे पर थे, तब बख्तियारपुर में एक प्रतिमा के माल्यार्पण के दौरान भीड़ में से अचानक एक व्यक्ति ने आकर उन पर हमला कर दिया। गनीमत थी कि वह व्यक्ति निहत्था था। अगर उसके पास कोई हथियार होता, तो कोई अनहोनी घटना घट सकती थी।
नीतीश कुमार के ऊपर पहले भी हमले हो चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही चिंताजनक है। हर बार की तरह इस बार भी जांच का आदेश दिया गया है, लेकिन सुरक्षाकर्मी अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री जैसे शख्सियत के सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की लापरवाही एक अक्षम्य अपराध है। सुरक्षाकर्मियों को इस घटना से सबक लेना चाहिए।
हिमांशु शेखर, केसपा, गया