‘स्वार्थ की भेंट चढ़ती नदियां’ (6 दिसंबर) पढ़ा। नदियों का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। नदियों से ही मानव जीवन बसता है, यह सब जानते हुए भी हम नदियों की सुरक्षा, संरक्षण पर ध्यान नहीं देते। आज नदियां अपने अस्तित्व के संकट से गुजर रही हैं। नदियां देश और समाज के अनियंत्रित विकास का शिकार हो रही हैं। आज नदियों को बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा।
’साजिद अली, चंदन नगर, इंदौर
नदी बचाओ
आज नदियां अपने अस्तित्व के संकट से गुजर रही हैं। नदियां देश और समाज के अनियंत्रित विकास का शिकार हो रही हैं। आज नदियों को बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा।
Written by जनसत्ता

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First published on: 07-12-2021 at 01:23 IST