रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में धांधली के आरोपों के बाद अभ्यार्थियों के कृत्य से बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक हंगामा और आगजनी मची हुई है। छात्र अपनी जिद पर अड़े हुए हैं, जबकि सरकार ने अपना रुख नरम करते हुए भर्ती परीक्षाओं को रद्द करने का एलान कर दिया है। सरकार की घोषणा के बावजूद छात्रों का प्रदर्शन समझ से परे है। विरोध स्वरूप छात्र रेलवे के ट्रैक पर बैठ गए, यहां तक तो ठीक है, मगर जिस तरह रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया वह ठीक नहीं है।
सरकार की अपील के बावजूद आंदोलन जारी रहना ठीक नहीं है। छात्रों को जिस मुद्दे को लेकर संशय है उसे सामने बैठ कर विचार-विमर्श के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। फालतू की आगजनी और हिंसक घटनाओं से समाधान की गुंजाइश संभव नहीं है।
इससे पहले कि यह आग अन्य राज्यों में भी फैले और नुकसान पहुंचाए, छात्र अपना गुस्सा ठंडा करके बातचीत के जरिए अपना पक्ष रखें।
- अमृतलाल मारू ‘रवि’, धार, मध्यप्रदेश