गुजरात में 2002 में बिलकीस बानो प्रकरण के दोषी, आजीवन कारावास की सजा भोग रहे ग्यारह लोगों की सजा-माफी सुर्खियों में है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। रिहाई उचित है या अनुचित, यह कानूनी मामला है। मगर आजीवन कारावास की सजा भोग रहे इन कैदियों की रिहाई से बिलकीस बानो के परिवार में भय का वातावरण है, वे सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं।

गुजरात सरकार का दायित्व है कि सुशासन की मिसाल पेश करते हुए बिलकीस बानो के परिवार को पूरी तरह सुरक्षा मुहैया करवाए। साथ ही सजा-माफी प्राप्त लोगों से मुचलके/ बांड भरवाए जाएं कि वे कानून-व्यवस्था का पूर्ण सम्मान करते हुए, ऐसा कोई अनुचित और अनैतिक कदम नहीं उठाएंगे जिससे माहौल खराब हो। गुजरात सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है, ताकि सरकार की सजा-माफी पर उंगली नहीं उठे।

  • हेमा हरि उपाध्याय, उज्जैन