इसमें कोई दो राय नहीं कि चीन आज आर्थिक और सैनिक दृष्टि से विश्व की एक सर्वोच्च शक्ति बन चुका है और अमेरिका तक को आंख दिखाने की हिम्मत रखता है। ऐसे में उसका अहंकार अपने उच्चतम स्तर पर होना स्वाभाविक है। जिस समय कोरोना के उदगम स्थल को लेकर पूरे विश्व की उंगली चीन पर उठ रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की घेरेबंदी हो रही है और चीन की आक्रामकता का भारत ने जिस सहजता से जबाब दिया, उससे चीन की खीज समझ में आती है। हैरानी की बात तो यह कि जैसे ही चीनी नेता को अपनी “अति” का अहसास हुआ, उन्होंने अपने भाषण के अंग्रेजी अनुवाद में सतर्कता बरतते हुए उसे ठीक कर दिया, ताकि विश्व बिरादरी कहीं ज्यादा नाराज न हो जाए। चीन आज की तारीख में खुद की एक दबंग और नैतिकता विहीन देश की छवि बना चुका है। बिगड़े बोलों से चीन अप्रत्यक्ष रूप से भारत को ही एक कड़ा संदेश देना चाहता है जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
’चंद्र प्रकाश शर्मा, दिल्ली

भ्रष्टाचार का अतिक्रमण
दुर्भाग्य से लंबे समय से अतिक्रमण और अवैध कब्जों की तेज आंधी हर तरफ चली हुई है। इससे देश को बड़ी हानि और आम जनता को परेशानी हो रही है और यह नुकसान प्रत्यक्ष रूप से हमारे जीवन और अर्थतंत्र से जुड़ा है। तेजी से बढ़ती आबादी, प्रशासनिक मशीनरी की लापरवाही और भ्रष्टाचार से यह सब जारी है। अतिक्रमण पर तोड़ा-बहुत लगाम लगती भी है तो सिर्फ अहालतों की सख्ती से। हैरानी की बात तो यह है कि आज जो अतिक्रमण या अवैध कब्जा बड़ी मुश्किल से हटाया भी जाता है तो अगले ही दिन वह फिर से कर लिया जाता है क्योंकि इसे रोकने की सरकार के पास कोई ठोस योजना ही नहीं है, इसलिए सारी कवायद ही बेकार हो जाती है। इसमें धन और समय की भी बबार्दी होती है। आज हरियाणा के फरीदाबाद और दिल्ली की सीमा से लगे पहाड़ी क्षेत्र के खोरी गांव में बने लगभग दस हजार मकानों की समस्या चर्चा में है। बस्ती कोई ऐसे ही नहीं बस गई। सरकार ने मकान दिए। इसलिए इसके जिम्मेवार सभी अफसरों और लोगों को दंडित करना बहुत जरूरी है ताकि आगे से ऐसा न हो।
’वेद मामूरपुर, नरेला