दुनिया में जितनी भी अच्छी बातें हो सकती हैं, सब कही जा चुकी हैं, सौहार्द स्थापना के लिए अब उन पर अमल करना जरूरी है। विविधता के रंग में रंगा भारत आपसी एकता और अखंडता के पदचिह्न सदियों से विश्व पटल पर छोड़ता रहा है। पर आज कुछ स्वार्थी, धर्मांध, अभिमानी और तुच्छ प्रचार की कामना रखने वालों द्वारा अवाम को बरगलाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।

हैरानी है कि ऐसी निर्थक बातों का समर्थन कुछ लोग करते हैं। आज की स्थिति में यही समाज में द्वेष पैदा करने का मुख्य कारण बन रहा है। इसलिए हर वर्ग, धर्म और समुदाय के लोगों को ऐसे प्रपंचकारी लोगों की बातों से कोई सरोकार नहीं रखना चाहिए।

हर धर्म आपसी प्रेम, सौहार्द सिखाता है, जिसके मूल में त्याग और अहिंसा रही है, जो स्वस्थ समाज की नींव को मजबूत बनाए रखते हैं। आपसी भाईचारा बनाए रखने में ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण निहित है।

मृदुल कुमार शर्मा, गाजियाबाद