लोकप्रिय दैनिक ‘जनसत्ता’ में कवि-कथाकार निर्देश निधि का ‘अंधेरा भी जरूरी है जिंदगी के लिए’ शीर्षक गंभीर लेख पढ़ा। मुक्तिबोध की प्रसिद्ध और चर्चित कविता है ‘अंधेरे में’, जो वस्तुत: तत्कालीन राजनीति के उस अंधेरे का पर्दाफाश करती है, जिसमें धीरे-धीरे फासीवादी प्रवृत्तियां सिर उठा रही हैं। निर्देश का संकेत जिस अंधेरे की तरफ है, उसका संबंध हमारी जिंदगी से भी उतना ही है, जितना पर्यावरण से है। प्रकाश और अंधेरा सापेक्ष शब्द हैं, बिल्कुल दिन-रात की तरह। इस लेख से बहुत सारी नई जानकारियां मिलती हैं।
’भारत भारद्वाज, नोएडा
अंधेरा-उजाला
प्रकाश और अंधेरा सापेक्ष शब्द हैं, बिल्कुल दिन-रात की तरह। इस लेख से बहुत सारी नई जानकारियां मिलती हैं।
Written by जनसत्ता

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First published on: 01-01-2022 at 03:49 IST