नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि स्वदेशी डोर्नियर एयरक्राफ्ट की पहली व्यावसायिक सेवा शुरू होने जा रही है। यह सेवा असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट के बीच शुरू होगी। साथ में यह भ्रामक और मनगढ़ंत जानकारी फैलाई जा रही है कि भारत में बने डोर्नियर एयरक्राफ्ट एचएएल डोर्नियर डीओ-228 की पहली उड़ान सेवा है, जो नागरिक आपरेशन के लिए भारत में निर्मित विमानों का पहली बार इस्तेमाल कर रही है।
कानून एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि ‘कुछ लोग मेक इन इंडिया को खारिज करते और प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत पर सवाल उठाते हैं। मेड इन इंडिया डोर्नियर एयरक्राफ्ट नए भारत की क्षमता को प्रदर्शित कर रहा है।’ जो लोग बड़ी उम्र के हैं, जो इतिहास जानते हैं, उनके लिए तो यही तथ्य है, कि देश में 1961 में ही हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड द्वारा कई विमानों का निर्माण किया गया, जिसे इंडियन एयरलाइन्स सेवा के लिए इस्तेमाल किया गया था।
एक नहीं दो नहीं बल्कि सैकड़ों विमान स्वदेश में बना कर नागरिक आवागमन के लिए इस्तेमाल किया गए हैं।
1980 के दशक में जो वायुदूत सेवा की शुरुआत की गई थी, उनका भी निर्माण तो एचएएल में ही हुआ था। फिर यह सरकार तथ्यों को क्यों तोड़मरोड़ कर पेश कर रही है?
- जंग बहादुर सिंह, जमशेदपुर