स्वच्छता का लक्ष्य और स्वच्छ भारत का सपना तब तक पूरा नहीं हो सकता, जब तक प्लास्टिक का प्रयोग पूरी तरह बंद नहीं होता। हमारे देश में प्लास्टिक कचरा बढ़ता जा रहा है। इसे जला कर भी नष्ट नहीं किया जा सकता। इसे जलाने से जहरीली गैसें निकलती हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देश में सबसे ज्यादा प्लास्टिक कचरा बोतलों का होता है। प्लास्टिक का दिन-प्रतिदिन बढ़ता प्रयोग लोगों की सेहत पर तो भारी पड़ ही रहा है, प्रकृति को दूषित और भूमि की उर्वरा शक्ति को भी नष्ट कर रहा है।
पालीथीन के बैग धरती के नीचे बारिश के पानी को जाने से रोकते हैं, क्योंकि जब कूड़े-कर्कट के साथ ये धरती की सतह पर दब जाते हैं तो यह पानी को जमीन के अंदर नहीं जाने देते। इसे लेकर अगर लोग खुद जागरूक हो जाएं, तो इससे आसानी से पार पाया जा सकता है।
राजेश कुमार चौहान, जलंधर